नयी दिल्ली, 27 जुलाई (कड़वा सत्य) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को नीति आयोग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए देश की नीतियों को अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के अनुकूल बनाने के महत्व पर बल देते हुए कहा कि भारत सही दिशा में चल रहा है और आज देश के लोगों में आत्मविश्वास झलक रहा है।
नीति आयोग की संचालन परिषद की नौवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्री मोदी ने 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है और इसके लिए राज्यों की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
नीति आयोग ने डिजिटल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बैठक में प्रधानमंत्री के संबोधन के कुछ अंश पोस्ट किया जिनमें श्री मोदी को उद्धरित करते हुए कहा, “यह दशक बदलावों, तकनीकी और भू-राजनीतिक बदलावों और अवसरों का है। भारत को इन अवसरों का लाभ उठाना चाहिए और अपनी नीतियों को अंतरराष्ट्रीय निवेश के अनुकूल बनाना चाहिए। यह भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में प्रगति की सीढ़ी है।”
श्री मोदी ने कहा, “हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हमने सौ साल में एक बार आने वाली महामारी को हराया है। हमारे लोग उत्साह और आत्मविश्वास से भरे हुए हैं।”
उन्होंने विकसित भारत के लक्ष्य की साधना में राज्यों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, “हम सभी राज्यों के संयुक्त प्रयास से 2047 तक विकसित भारत के अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। विकसित राज्य ही विकसित भारत बनाएंगे।”
श्री मोदी ने कहा कि 2047 तक ‘विकसित भारत का लक्ष्य हर भारतीय की महत्वाकांक्षा है।’ उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने में राज्य सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि वे सीधे लोगों से जुड़े हुए हैं।
केंद्र में नयी सरकार के गठन के बाद नीति आयोग की यह पूर्ण बैठक में विकास के विभिन्न मुद्दों और नीतिगत विषयों पर मामलों पर चर्चा के लिए आयोजित की गयी। बैठक के एजेंडा में भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य से जुड़े विषयों पर जोर दिया जा रहा है। बैठक का मुख्य विषय था -‘विकसित भारत 2047।’
नीति आयोग की संचालन परिषद में आज की चर्चा का उद्देश्य विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए वृहद खाका तैयार करना और केंद्र तथा राज्यों के बीच ‘टीम इंडिया’ के रूप में टीम वर्क को बढ़ावा देना था। चर्चा के विषयों में वितरण तंत्र को मजबूत करके ग् ीण और शहरी आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहभागी शासन और सहयोग को बढ़ावा जैसे मुद्दे भी रखे गए थे।
बैठक में 2047 में विकसित भारत लक्ष्य को प्राप्त करने में राज्यों की भूमिका पर भी विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।
विपक्षी दलों की सरकारों वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने आम बजट में भेदभाव किए जाने का अरोप लगाते हुए इस बैठक का बहिष्कार किया।
विपक्ष के बहिष्कार के बावजूद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में हिस्सा लिया पर वह बैठक की कार्यवाही के संचालन के तरीके पर विरोध करते हुए कार्यवाही के बीच से बाहर निकल गयीं। उन्होंने बाद में मीडिया से कहा कि उन्हें अपनी बात रखने का पूरा समय नहीं दिया गया।
आज की बैठक के दौरान, साइबर सुरक्षा, आकांक्षी जिलों और ब्लॉक कार्यक्रम, राज्यों की भूमिका और शासन में एआई पर विचार-विमर्श करने के लिए विशेष सत्र भी आयोजित किए गए, जिन पर मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान भी चर्चा की गई थी। बैठक में पिछले साल दिसंबर में आयोजित मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की सिफारिशों पर भी गौर किया गया।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली परिषद में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हुये हैं।
गौरतलब है कि इस समय भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और मजबूत आर्थिक वृद्धि के साथ जल्दी ही भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। भारत की आर्थिक वृद्धि दर वर्ष 2023-24 में 8.2 प्रतिशत थी। चालू वित्त वर्ष में यह 6.5 प्रतिशत से सात प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2047 तक देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को 30 लाख करोड़ डालर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। भारतीय अर्थव्यवस्था करीब चार लाख करोड़ डालर की है।
सूत्रों के अनुसार, नीति आयोग की बैठक के लिए आए भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष प्रस्तुति दी। इसमें उन्होंने संबंधित राज्यों में अपनी सरकारों की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
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कड़वा सत्य