नयी दिल्ली, 19 मई (कड़वा सत्य) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियन को लेकर जा रहे एक हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर पर चिंता व्यक्त करते हुए उनकी कुशलता की प्रार्थना की है।
श्री मोदी ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा, “आज राष्ट्रपति रियासी की हेलीकॉप्टर उड़ान के संबंध में रिपोर्टों से अत्यधिक चिंतित हूं। हम संकट की इस घड़ी में ईरानी लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं और राष्ट्रपति और उनके साथियों की कुशलता के लिए प्रार्थना करते हैं।”
इस बीच ईरानी समाचार एजेंसी इरना की एक रिपोर्ट के मुताबिक कार्यकारी मामलों के लिए ईरानी उप राष्ट्रपति मोहसिन मंसूरी ने राष्ट्रपति के हेलिकॉप्टर में सवार दो यात्रियों ने बचाव में लगे बलों के साथ संपर्क किया है जिसका अर्थ है कि दुर्घटना शायद कम गंभीरता की थी।
ईरानी उपराष्ट्रपति ने कहा कि एक और जनक बात यह है कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 02 किमी के दायरे में दुर्घटना के स्थान की पहचान की गई है।
उल्लेखनीय है कि समाचार एजेंसी इरना ने खबर दी है कि राष्ट्रपति रायसी अज़रबैजान के साथ ईरान की सीमा पर एक बांध के उद्घाटन समारोह से लौट रहे थे, जब उनका हेलीकॉप्टर रविवार को वरज़ाकान क्षेत्र में उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर मालेक रहमती, तबरीज़ जुमे की नमाज़ अदा कराने वाले मौलाना होज्जातोलेस्लाम अल हशेम और कई अन्य लोग भी हेलीकॉप्टर में सवार थे।
इस घटना के बाद ईरान के राजनीतिक परिदृश्य में एक अफरा-तफरी का माहौल बन गया है। समाचार एजेंसी के संवाददाता के अनुसार बचाव और राहत के लिए 40 टीमें इलाके में भेजीं गईं हैं, लेकिन घने कोहरे और इलाके की दुर्गमता के कारण तलाशी अभियान में मुश्किल पेश आ रही है।
देश के आंतरिक मंत्री अहमद वाहिदी ने ईरान के सरकारी टेलीविजन को बताया कि मौसम की कठिन परिस्थितियों के कारण खोज एवं बचाव दल को दुर्घटनास्थल तक पहुंचने में समय लग सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि टीम जल्द ही दुर्घटना स्थल पर पहुंचेगी और अधिक जानकारी देगी।
क्षेत्र में मौजूद देश के स्वास्थ्य मंत्री बह इनोल्लाही ने कहा कि संभावित घायल लोगों की मदद के लिए एम्बुलेंस बसों, विशेषज्ञ डॉक्टरों और सर्जनों सहित सभी चिकित्सा उपकरणों को दुर्घटना क्षेत्र में भेज दिया गया है।
, संतोष
कड़वा सत्य