नयी दिल्ली, 25 दिसंबर (कड़वा सत्य) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिसमस के त्योहार पर ईसाई समुदाय को सोमवार को भावभीनी शुभकामनाएं दीं तथा भारत के विकास में उनके योगदान की सराहना करते हुए आह्वान किया कि वह 2047 में विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए युवाओं को शिक्षित और हर तरह से स्वस्थ बनाने में योगदान दें।
श्री मोदी ने आज क्रिसमस के अवसर पर 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री निवास में ईसाई समुदाय के लोगों से मुलाकात की और क्रिसमस के उत्सव के कार्यक्रम को भी संबोधित किया। इस मौके पर स्कूली बच्चों ने क्रिसमस के गीत भी गाये।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में दुनिया भर के लोगों को और विशेषकर ईसाई समुदाय को क्रिसमस के पर्व पर शुभकामनाएं दीं और याद किया कि गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए ईसाई समुदाय के साथ तो उनका बहुत पुराना, बहुत आत्मीय नाता रहा है।
उन्होंने कहा कि कुछ ही वर्ष पहले उन्हें वेटिकन सिटी में पोप से मिलने का भी सौभाग्य मिला था। वह उनके लिए बहुत ही यादगार पल था। उन्होंने कहा, “हमने इस धरती को बेहतर जगह बनाने के लिए सामाजिक सौहार्द्र, वैश्विक बंधुत्व, जलवायु परिवर्तन और समावेशी विकास, ऐसे कई विषयों पर और लम्बे समय तक बैठ करके बातें की थी।”
उन्होंने कहा कि क्रिसमस वो दिन है जब हम ईसा मसीह के जन्म को मनाया करते हैं। ये उनके जीवन, संदेश और मूल्यों को भी याद करने का अवसर है। ईसा मसीह ने करुणा और सेवा के मूल्यों को जीया है। उन्होंने एक ऐसा समाज बनाने के लिए काम किया जिसमें सबके लिए न्याय हो और जो समाज समावेशी हो। हमारे देश की विकास यात्रा में यही मूल्य एक मार्गदर्शक की तरह हमें रास्ता दिखा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि समाज जीवन की अलग-अलग धाराओं में हमें ऐसे कई समान मूल्य दिखते हैं, जो हम सबको एकजुट करते हैं। उदाहरण के लिए, पवित्र बाइबल में कहा गया है कि ईश्वर ने हमें जो भी उपहार दिया है, जो भी सामर्थ्य दिया है, उसका उपयोग हम दूसरों की सेवा के लिए करें। और यही तो सेवा परमो धर्म: है। बाईबल में सत्य को बहुत महत्व दिया गया है और कहा गया है कि सत्य ही हमें मुक्ति का मार्ग दिखाएगा। और संयोग देखिए, सभी पवित्र उपनिषदों ने भी परम सत्य को जानने पर फोकस किया है, ताकि हम स्वयं को मुक्त कर सकें। हम अपने साझा मूल्यों और हमारी विरासत पर फोकस करके एक साथ आगे बढ़ सकते हैं। 21वीं सदी के आधुनिक भारत के लिए ये सहयोग, ये सामंजस्य, सबका प्रयास की ये भावना, भारत को नई ऊंचाई पर ले जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पोप ने अपने एक क्रिसमस संदेश में ईसा मसीह से प्रार्थना की थी कि जो लोग गरीबी खत्म करने में जुटे हैं, उन्हें उनका आशीर्वाद मिले। वो मानते हैं कि गरीबी, व्यक्ति की गरिमा को चोट पहुंचाती है। पोप के इन शब्दों में उसी भावना की झलक है, जो विकास के लिए हमारे मंत्र में है। हमारा मंत्र है, सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास-सबका प्रयास।
उन्होंने कहा कि सरकार के तौर पर हम ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि विकास का फायदा हर किसी तक पहुंचे और कोई इससे अछूता ना रहे। ईसाई समुदाय के कई लोगों तक, विशेषकर गरीबों और वंचितों तक भी आज देश में हो रहे विकास का लाभ पहुंच रहा है।
उन्होंने कहा,“मुझे याद है, जब हमने मत्स्य पालन के लिए अलग मंत्रालय का गठन किया, तो ईसाई समुदाय के बहुत सारे मछुआरे भाई-बहनों ने हमारे इस कदम की सार्वजनिक रूप से सराहना की, मेरा भी सम्मान किया, मेरा बहुत अभिनंदन किया।”
श्री मोदी ने कहा,“क्रिसमस के इस अवसर पर मैं, देश के लिए ईसाई समुदाय के लिए एक बार जरूर कहूँगा, कि आपके योगदान को भारत गर्व से स्वीकार करता है। ईसाई समुदाय ने स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वतंत्रता संग्राम में ईसाई समुदाय के कई विचारक और नेता शामिल थे। गांधी जी ने स्वयं बताया था कि असहयोग आंदोलन की परिकल्पना सेंट स्टीफेंस काॅलेज के प्रिंसिपल सुशील कुमार रुद्र की छत्रछाया में की गई थी।”
उन्होंने कहा कि ईसाई समुदाय ने समाज को दिशा देने में निरंतर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। समाज सेवा में ईसाई समुदाय बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता है, और आपका समुदाय, गरीबों और वंचितों की सेवा के लिए हमेशा आगे रहती है। शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में, आज भी पूरे भारत में, ईसाई समुदाय के संस्थान बड़ा योगदान दे रहे हैं।
श्री मोदी ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनाने का जो लक्ष्य है, इस लक्ष्य के साथ हम अपनी विकास यात्रा को तेज गति से आगे बढ़ा रहे हैं, लगातार कोशिश कर रहे हैं। इस विकास यात्रा में हमारे सबसे महत्वपूर्ण साथी अगर कोई हैं तो वो हमारे युवा हैं। निरंतर विकास के लिए, ये बहुत आवश्यक है कि हमारे युवा शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से फिट और स्वस्थ रहें। इस उद्देश्य से चलाए जा रहे कई अभियान, जैसे फिट इंडिया, मिलेट्स का उपयोग, पोषण पर फोकस, मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता, और मादक पदार्थों के खिलाफ अभियान जन आंदोलन बन चुके हैं। मैं ईसाई समुदाय के नेताओं से, विशेषकर जो शिक्षा और स्वास्थ्य संस्थाओं से जुड़े हैं, उनसे आग्रह करूंगा कि वो इन विषयों के प्रति लोगों को और जागरूक बनाएं।
उन्होंने कहा कि क्रिसमस पर उपहार देने की परंपरा है। मुझे भी बहुत ही पवित्र तोहफा मिला है अभी-अभी, और इसलिए, इस अवसर पर हम ये विचार करें कि कैसे हम आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर दुनिया का उपहार दे सकते हैं। सातत्य आज के समय की जरूरत है। टिकाऊ जीवनशैली, ये मिशन लाइफ का मुख्य संदेश है। ये एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय आंदोलन है, जिसका नेतृत्व भारत कर रहा है। ये अभियान पृथ्वी के अनुकूल लोगों को पृथ्वी के अनुकूल जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करता है। कई चीजों को हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बना सकते हैं, और बड़ा बदलाव ला सकते हैं। और मैं मानता हूं, ईसाई समुदाय में इतनी सामाजिक चेतना होती है, वो इस मिशन में प्रमुख भूमिका निभा सकती है, नेतृत्व कर सकती है।
श्री मोदी ने कहा,“एक विषय वोकल फाॅर लोकल का भी है। इस से देश के लाखों छोटे उद्यमियों का स्वरोजगार जुड़ा है। और इसलिए मैं ईसाई समुदाय से आग्रह करूंगा कि लोकल के लिए और वोकल बनने के लिए का आप सबका मार्गदर्शन उनको मिलता रहे।”
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