नयी दिल्ली 30 जून (कड़वा सत्य) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनावों के बाद आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के पहले प्रसारण में देश के 65 करोड़ मतदाताओं को देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने पर बधाई दी और धन्यवाद ज्ञापित किया।
श्री मोदी ने मन की बात के 111वें अंक में कहा, “मैं आज देशवासियों को धन्यवाद भी करता हूँ कि उन्होंने हमारे संविधान और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर अपना अटूट विश्वास दोहराया है। 24 का चुनाव, दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था। दुनिया के किसी भी देश में इतना बड़ा चुनाव कभी नहीं हुआ, जिसमें, 65 करोड़ लोगों ने वोट डाले हैं। मैं चुनाव आयोग और मतदान की प्रक्रिया से जुड़े हर व्यक्ति को इसके लिए बधाई देता हूँ।”
भारत की विदेशी शासन से ी की लड़ाई को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि 30 जून का ये दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस दिन को हमारे आदिवासी भाई-बहन ‘हूल दिवस’ के रूप में मनाते हैं। यह दिन वीर सिद्धो-कान्हू के अदम्य साहस से जुड़ा है, जिन्होंने विदेशी शासकों के अत्याचार का पुरजोर विरोध किया था।
श्री मोदी ने कहा, “वीर सिद्धो-कान्हू ने हजारों संथाली साथियों को एकजुट करके अंग्रेजों का जी-जान से मुकाबला किया, और जानते हैं ये कब हुआ था ? ये हुआ था 1855 में, यानी ये 1857 में भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग् से भी दो साल पहले हुआ था, तब, झारखंड के संथाल परगना में हमारे आदिवासी भाई-बहनों ने विदेशी शासकों के खिलाफ हथियार उठा लिया था। हमारे संथाली भाई-बहनों पर अंग्रेजों ने बहुत सारे अत्याचार किए थे, उन पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगा दिए थे। इस संघर्ष में अद्भुत वीरता दिखाते हुए वीर सिद्धो और कान्हू शहीद हो गए। झारखंड की भूमि के इन अमर सपूतों का बलिदान आज भी देशवासियों को प्रेरित करता है।”
प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में संथाली भाषा में इस वीर गाथा पर आधारित एक लोकगीत के अंश भी सुनवाये।
कड़वा सत्य