नयी दिल्ली 29 जून (कड़वा सत्य) जी 20 के लिए भारत के शेरपा रहे अमिताभ कांत ने खुलासा किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नयी दिल्ली घोषणा पत्र पर आम सहमति नहीं बनने पर जी 20 से बाहर होने की धमकी दी थी और प्रधानमंत्री ने श्री कांत को यह बात सदस्य देशों तक पहुंचाने के लिए कहा था।
श्री कांत ने कल शाम यहां ास्वामी बालासुब्रमण्यम की पुस्तक ‘पावर विदिन : द लीडरशिप लीगेसी ऑफ नरेंद्र मोदी’ के विमोचन के मौके पर यह खुलासा किया। उन्होंने कहा “ प्रधानमंत्री ने उनसे कहा था कि वह जी-20 के सदस्य देशों तक उनकी यह बात पहुंचा दें कि इस घोषणापत्र पर यदि सहमति नहीं बनती है तो भारत इस समूह से निकल जाएगा। सम्मेलन से पहले ही इस बात की आशंकाएं थीं कि शायद ‘नई दिल्ली घोषणापत्र’ पर सहमति न बने और संयुक्त घोषणापत्र जारी न हो लेकिन भारत की कूटनीति रंग लाई।
अमेरिका सहित पश्चिमी देश चाहते थे कि संयुक्त घोषणापत्र में यूक्रेन युद्ध के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया जाए और उसकी आलोचना हो लेकिन भारत इसके लिए तैयार नहीं था। सम्मेलन के अंत में जी-20 का जो संयुक्त घोषणापत्र जारी हुआ उसमें यूक्रेन युद्ध का जिक्र तो हुआ लेकिन रूस का कहीं नाम नहीं आया। इसे भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी गई। हालांकि, पश्चिमी देशों का दबाव था कि घोषणापत्र में रूस का नाम लिया जाए।
श्री कांत ने कहा, “ पीएम मोदी मानते थे कि हमें बहुत ही महात्वाकांक्षी होने की जरूरत है। हमें समावेशी और निर्णायक होना होगा। साथ ही हमारा कदम अत्यंत ही सधा होना चाहिए। हम 83 पैरा के 212 निष्कर्षों में सहमति बनाने में सफल रहे। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। एक पैरा जो कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर था, इस पर सहमति बनाने के लिए हमने 300 घंटे से ज्यादा बातचीत की। संयुक्त घोषणापत्र के 16 मसौदों पर बात नहीं बनी। इसके बाद 17वें मसौदे पर हमें सफलता मिली। इस दौरान पीएम मोदी हर दो घंटे पर अपडेट ले रहे थे।”
डॉ बालासुब्रमण्यम की इस नई पुस्तक पॉवर विदिनः द लीडरशिप लीगेसी ऑफ नरेंद्र मोदीमें भारतीय सिद्धांतों से प्रेरित नेतृत्व के सफर का विश्लेषण किया गया है ।
शेखर
कड़वा सत्य