नयी दिल्ली, 21 दिसम्बर (कड़वा सत्य) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी दलों के निलम्बन को संसद में मोदी सरकार की मनमानी करार दिया और कहा कि महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करवाकर सारी संवैधानिक मर्यादाओं को तोड़ा जा रहा है इसलिए विपक्षी दलों का इंडी गठबंधन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट होकर बहुमत हासिल करेगा।
श्री खड़गे ने कहा कि कांग्रेस मजबूती के साथ मोदी सरकार के जनविरोधी नीतियों को जनता के सामने रखेगी और भाजपा की गुमराह करने वाली नीतियों से जनता को आगह करेगी।
श्री खड़गे ने पार्टी मुख्यालय में सर्वोच्च नीति निर्धाक संस्था कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए गुरुवार को कहा कि 18वीं लोकसभा के चुनाव सामने हैं और इस संबंध में 19 दिसंबर को इंडी गठबंधन की चौथी बैठक दिल्ली में हुई जिसमें समान विचारों वाली पार्टियों के साथ समन्वय बनाते हुए ज़्यादा से ज़्यादा सीटों पर जीत हासिल करने की बात कही गई है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इंडी गठबंधन के विभिन्न दलों के साथ गठबंधन की मजबूती के लिए अपने कार्यक्रमों की काम की रूप-रेखा तय करने संबंधी समन्वय स्थापित करने के लिए पार्टी ने पाँच वरिष्ठ नेताओं की राष्ट्रीय समिति का गठन किया है। आम चुनाव की तैयारियों के मद्देनज़र लगभग 24 राज्यों के साथ समीक्षा बैठक हो चुकी है और जल्द ही समन्वयकों की नियुक्त कर दी जाएगी।
श्री खड़गे ने कहा कि कांग्रेस के 138वें स्थापना दिवस पर 28 दिसंबर को पार्टी नागपुर में विशाल रैली कर रही है और उम्मीद है कि इससे एक नया संदेश जाएगा। पार्टी विचारधारा की मजबूती के लिए एक बार फिर जनता के दरवाजे पर ‘देश के लिए दान करें’ अभियान के तहत दस्तक दी है।
संसद में सरकार की मनमानी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा “दुनिया में सबसे बड़े लोकतंत्र की हमारी मिसाल संकट में है। भाजपा बिना चर्चा-बहस के अहम विधेयकों को मनमाने ढंग से पास कराने के लिए लोकतंत्र का गला घोंट रही है। संसद को सत्ता पक्ष के प्लेटफार्म के रूप में बदलने का षडयंत्र चल रहा है। मौजूदा संसद सत्र में दोनों सत्रों से गठबंधन के 143 सांसदों का दुर्भाग्यपूर्ण निलंबन किया है विपक्ष की गैर मौजूदगी में अहम विधेयकों को पारित कर संसद की मर्यादा के खिलाफ काम किया गया है। चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं को अपने कब्जे में करने की कोशिश कर सरकार ने संविधान, संसद और लोकतंत्र को भी खतरे में डाल दिया है।”
उन्होंने कहा संसद सत्र में विपक्ष ने पूरा सहयोग दिया, लेकिन 13 दिसंबर को संसद में हुई घटना के बाद विपक्षी दलों ने सदन में गृहमंत्री से बयान देने और इस मुद्दे पर दोनों सदनों में चर्चा की मांग की लेकिन इस मांग को सरकार ने प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया। दूसरी तरफ सत्ता पक्ष के लोग इतिहास को तोड़-मरोड़ कर अपने स्वार्थों के अनुरूप बनाने के लिए जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है जिसका संयत और मर्यादित भाषा के साथ सत्य के सहारे जवाब दिया जाएगा। कांग्रेस की विचारधारा इस बात की इजाजत नहीं देती कि उनकी तरह झूठ बोलकर वही काम करें जो मोदी सरकार कर रही है।
मोदी सरकार पर चंद कारोबारियों के हाथों देश की संपदा सौंपे जाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि आम चुनाव में बेरोजगारी, महंगाई, आम लोगों के सवालों को आगे रखा जाएगा। जातिगत जनगणना और महिला आरक्षण अहम मुद्दा रहेगा और महिला आरक्षण तत्काल लागू कर ओबीसी महिलाओं को आरक्षण के दायरे में लाने जैसे मुद्दों पर विचार किया जाना जरूरी है।
अभिनव, उप्रेती