म्यूनिख, 14 अक्टूबर (कड़वा सत्य) राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने सोमवार को जर्मनी को ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 का ‘पार्टनर कंट्री’ बनने के लिए आमंत्रित किया और नीमराना जापानी निवेश क्षेत्र की तर्ज पर राजस्थान में जर्मन निवेशकों के लिए एक विशेष निवेश क्षेत्र स्थापित करने की पेशकश की।
‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के तहत राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए यूरोप के निवेशकों और कंपनियों से मुलाकात के लिए श्री शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल सोमवार से जर्मनी के दौरे पर है और अपने दौरे की शुरूआत में प्रतिनिधिमंडल ने बवेरिया राज्य चांसलरी के प्रमुख और संघीय मामलों के राज्य मंत्री डॉ. फ्लोरियन हरमन के साथ म्यूनिख में मुलाकात की और इस दौरान मुख्यमंत्री ने जर्मनी के बवेरिया राज्य और राजस्थान के बीच एक “सिस्टर पार्टनरशिप” स्थापित करने का प्रस्ताव भी रखा, जिसमें अक्षय ऊर्जा पर विशेष जोर दिया जाएगा। बवेरिया और राजस्थान के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए इस बैठक में राजस्थान में बवेरिया का एक कार्यालय स्थापित करने का भी मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया और राज्य में निवेश आकर्षित करने में जर्मन सरकार से सहयोग की अपेक्षा की।
बैठक के दौरान बावरिया और राजस्थान के बीच स्किल्ड मैनपावर की जरुरतों को पूरा करने के लिए लिए आपसी साझेदारी पर भी चर्चा की गई। बवेरिया राज्य चांसलरी के प्रमुख और संघीय मामलों के राज्य मंत्री डॉ. हरमन से मुलाकात के दौरान श्री शर्मा के अलावा, राज्य की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल, म्यूनिख में भारत के महावाणिज्यदूत शत्रुघ्न सिन्हा, राजस्थान के डिस्कॉम्स की अध्यक्ष और जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की प्रबंध निदेशक आरती डोगरा, उद्योग विभाग और ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट्स (बीआईपी) के आयुक्त रोहित गुप्ता और राजस्थान सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
बैठक के बाद श्री शर्मा ने कहा _“हमने जर्मनी सरकार के प्रतिनिधियों के साथ आज बहुत ही उपयोगी चर्चा की। जर्मनी भारत के सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक और रणनीतिक साझेदारों में से एक है और विभिन्न मामलों में उसकी तकनीकी विशेषज्ञता विश्व प्रसिद्ध है। अपनी मुलाकात के दौरान, हमने उनसे तकनीकी सहयोग और राजस्थान में निवेश बढ़ाने की अपेक्षा व्यक्त की। जापानी निवेशकों के लिए नीमराणा जोन की तरह ही, राजस्थान में जर्मन निवेशकों के लिए भी हम एक विशेष निवेश जोन स्थापित करने के लिए तैयार हैं।”_
इसके बाद मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने म्यूनिख स्थित डॉयचेस म्यूजियम का भी दौरा किया जो 1903 में स्थापित एक प्रमुख विज्ञान एवं उद्योग संग्रहालय है। डॉयचेस म्यूजियम के दौरे में राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने डॉयचेस म्यूजियम और जयपुर के अल्बर्ट हॉल म्यूजियम के बीच व्यापक सहयोग पर चर्चा की, जिसमें दोनों संग्रहालयों द्वारा संयुक्त प्रदर्शनियों का आयोजन, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पर्यटन को बढ़ावा देना, स्टेम के तहत अनुसंधान कार्यक्रमों में आपसी सहयोग, डॉयचेस संग्रहालय में राजस्थानी युवाओं के लिए इंटर्नशिप के अवसर पैदा करना और राजस्थान में अन्य ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना शामिल है। दोनों संग्रहालयों के बीच इन सहयोगों का उद्देश्य सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पर्यटन को बढ़ावा देना है। जयपुर का अल्बर्ट हॉल संग्रहालय अपनी इंडो-सरसेनिक वास्तुकला और राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को व्यापक रूप से प्रदर्शित करने के लिए प्रसिद्ध है।
इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने हाइड्रोजन और डायरेक्ट मेथनॉल फ्यूल सेल्स की अग्रणी कंपनी एसएफसी एनर्जी एजी के परिसर का भी दौरा किया और इस दौरान एसएफसी एनर्जी को राजस्थान में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। यहां हुई बैठक के दौरान राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने एसएफसी एनर्जी के अधिकारियों को अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान की अग्रणी भूमिका, हरित ऊर्जा के प्रति राज्य के महत्वाकांक्षी लक्ष्य और फ्यूल सेल्स के उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश के अंदर मौजूद संभावनाओं की जानकारी दी। इस बैठक के दौरान एसएफसी एनर्जी ने राज्य के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने में रुचि दिखाई।
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कड़वा सत्य