नयी दिल्ली, 17 मई (कड़वा सत्य) भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी कर्नल वैभव अनिल काले का पार्थिव शरीर आज भारत पहुंचा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने संवाददाता सम्मेलन कहा कि तेल अवीव में भारतीय मिशन ने संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के सहयोग से कर्नल (सेवानिवृत्त) काले के नश्वर अवशेषों को वापस लाने के लिए समन्वय किया।
उन्होंने कहा, ‘कर्नल काले का पार्थिव शरीर परिवार द्वारा की जाने वाली औपचारिकताओं के लिए आज भारत पहुंचा।’ उन्होंने गोलाबारी की परिस्थितियों की जांच के संबंध में ( जिसके कारण कर्नल काले की मौत हुई) कहा कि संरा महासचिव के कार्यालय ने विवरण जानने के लिए पहले ही एक तथ्य-खोज मिशन स्थापित कर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘जहां तक हमारा सवाल है, जहां तक जांच का सवाल है, हम संबंधित अधिकारियों के संपर्क में हैं।’
उल्लेखनीय है कि 2022 में भारतीय सेना से समय से पहले सेवानिवृत्ति लेने के बाद कर्नल काले दो महीने पहले ही संरा सुरक्षा एवं सुरक्षा विभाग (डीएसएस) में सुरक्षा समन्वय अधिकारी के रूप में संरा में शामिल हो गए थे। उन्होंने पहले 11 जम्मू- कश्मीर राइफल्स के साथ काम किया था। कर्नल काले मौजूदा गाजा युद्ध में मारे जाने वाले पहले संरा कर्मचारी हैं।
यह पूछे जाने पर कि गाजा में संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करने वाले कितने भारतीय हैं, प्रवक्ता ने कहा, “हम रिपोर्टों से समझते हैं कि लगभग 70 संरा कर्मी गाजा में काम कर रहे हैं, उनमें से कितने भारतीय हैं, मुझे इस बारे में सही जानकारी नहीं है।”
गत 15 मई को, संयुक्त राष्ट्र ने घोषणा की थी कि उसने राफा में हुई घटना की जांच के लिए एक तथ्य-खोज पैनल का गठन किया है।
महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने उस दिन अपनी संवाददाताओं से कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने भी कर्नल काले के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि घटना का विवरण अभी भी इजरायली रक्षा बल के साथ सत्यापित किया जा रहा है। अटकलें हैं कि कर्नल काले के वाहन को आईडीएफ ने टक्कर मारी थी।
डीएसएस के लिए काम करने वाली अन्य संयुक्त राष्ट्र स्टाफ सदस्य जो इस घटना में घायल हुई है, वह जॉर्डन की एक महिला है, जो आईसीयू में है। श्री हक ने कहा कि वे “यह निर्धारित करने के लिए कि यह घटना कैसे हुई और जो हुआ उसकी प्रकृति” के लिए इज़रायल के साथ बातचीत कर रहे हैं।
संतोष
कड़वा सत्य