मुंबई 09 अक्टूबर (कड़वा सत्य) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) विनियमित संस्थाओं के लिए उनकी बैलेंस शीट और वित्तीय प्रणाली की स्थिरता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक डेटा रिपोजिटरी ‘जलवायु जोखिम सूचना प्रणाली’ स्थापित करेगा।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद चालू वित्त वर्ष की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन वित्तीय प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण जोखिमों में से एक के रूप में उभर रहा है। विनियमित संस्थाओं के लिए उनकी बैलेंस शीट और वित्तीय प्रणाली की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए जलवायु जोखिम आकलन करना महत्वपूर्ण है। इस तरह के आकलन के लिए अन्य बातों के अलावा स्थानीय जलवायु परिदृश्यों, जलवायु पूर्वानुमानों और उत्सर्जन से संबंधित उच्च गुणवत्ता वाले आंकड़ों की आवश्यकता होती है।