नयी दिल्ली 28 जनवरी (कड़वा सत्य) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सोशल मीडिया और इन्टरनेट के इस दौर में भी रेडियो पूरे देश को जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है।
श्री मोदी ने अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात में रविवार को कहा, “मन की बात के जरिये हमारा और आपका जो रिश्ता बना है, वो एक दशक पुराना हो चुका है। सोशल मीडिया और इन्टरनेट के इस दौर में भी रेडियो पूरे देश को जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है। रेडियो की ताकत कितना बदलाव ला सकती है, इसकी एक अनूठी मिसाल छत्तीसगढ़ में देखने को मिल रही है। बीते करीब सात वर्षों से यहाँ रेडियो पर एक लोकप्रिय कार्यक्रम का प्रसारण हो रहा है, जिसका नाम है ‘हमर हाथी – हमर गोठ’। नाम सुनकर आपको लग सकता है कि रेडियो और हाथी का भला क्या संबंध हो सकता है। लेकिन यही तो रेडियो की खूबी है।”
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में आकाशवाणी के चार केन्द्रों अंबिकापुर, रायपुर, बिलासपुर और रायगढ़ से हर शाम इस कार्यक्रम का प्रसारण होता है और आपको जानकर हैरानी होगी कि छत्तीसगढ़ के जंगल और उसके आसपास के इलाके में रहने वाले बड़े ध्यान से इस कार्यक्रम को सुनते हैं। ‘हमर हाथी – हमर गोठ’ कार्यक्रम में बताया जाता है कि हाथियों का झुण्ड जंगल के किस इलाके से गुजर रहा है। ये जानकारी यहाँ के लोगों के बहुत काम आती है। लोगों को जैसे ही रेडियो से हाथियों के झुण्ड के आने की जानकारी मिलती है, वो सावधान हो जाते हैं। जिन रास्तों से हाथी गुजरते हैं, उधर जाने का ख़तरा टल जाता है।
उन्होंने कहा कि इससे जहाँ एक ओर हाथियों के झुण्ड से नुकसान की आशंका कम हो रही है, वहीं हाथियों के बारे में डाटा जुटाने में मदद मिलती है। इस डाटा के उपयोग से भविष्य में हाथियों के संरक्षण में भी मदद मिलेगी। यहाँ हाथियों से जुड़ी जानकारी सोशल के जरिए भी लोगों तक पहुंचाई जा रही है। इससे जंगल के आसपास रहने वाले लोगों को हाथियों के साथ तालमेल बिठाना आसान हो गया है। छत्तीसगढ़ की इस अनूठी पहल और इसके अनुभवों का लाभ देश के दूसरे वन क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी उठा सकते हैं।
आज़ाद, यामिनी