नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (कड़वा सत्य) लोक सभा चुनाव के पहले चरण में शुक्रवार को 21 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शाम पांच बजे तक औसतन 59.66 प्रतिशत मतदान हुआ।
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी सूचना के अनुसार, शाम पांच बजे तक पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक 77.57 प्रतिशत और बिहार में सबसे कम 46.32 प्रतिशत वोट डाले गये थे।
पहले चरण में सबसे ज्यादा 102 सीटों पर मतदान कराया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल में तीन सीटों पर 77.57 प्रतिशत, त्रिपुरा की एक सीट पर 76.10 प्रतिशत, मणिपुर में दो सीटों पर 67.66 प्रतिशत, मेघालय में दो सीटों पर 69.91 प्रतिशत और असम में पांच सीटों पर 70.77 प्रतिशत वोट पड़े थे।
पुड्डुचेरी में एक सीट पर 72.84 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ की एक सीट पर 63.41 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था। इसी तरह जम्मू-कश्मीर में एक सीट पर 65.08 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में पांच सीट पर 63.25 प्रतिशत, अरुणाचल प्रदेश में दो सीट
पर 63.27 प्रतिशत, सिक्किम में एक सीट पर 68.06 प्रतिशत, नागालैंड में एक सीट पर 55.79 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
मिजोरम में एक सीट पर 52.73 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में आठ सीटों पर 53.56 प्रतिशत, उत्तराखंड में पांच सीटों पर 57.54 प्रतिशत, अंडमान-निकोबार में एक सीट पर 56.87 प्रतिशत, महाराष्ट्र में पांच सीटों पर 54.85 प्रतिशत, लक्षद्वीप में एक सीट पर 59.02 प्रतिशत, राजस्थान में 12 सीटों पर 50.27 प्रतिशत, तमिलनाडु की 39 सीटों पर 62.02 प्रतिशत वोट डाले गये थे।
मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और शाम छह बजे तक चलेगा।
पश्चिम बंगाल पूर्वोत्तर राजस्थान और अन्य जगहों पर विभिन्न मतदान केन्द्रों पर सुबह से ही पुरुष और महिला मतदाताओं की लंबी कतारें लग गयी थीं। पहली बार मताधिकार पाने वाले युवा मतादाताओं में मत देने को लेकर खासा उत्साह नजर आया।
निर्वाचन आयोग की एक विज्ञप्ति के अऩुसार, “ सभी 21 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में पहले चरण की मतदान प्रक्रिया सुचारु रूप से और शांतिपूर्वक चल रही है। अरुणाचल प्रदेश की 60 और सिक्किम की सभी 32 विधान सभा सीटों पर भी आज मतदान कराया गया। ”
चुनाव आयोग ने मतदान को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरह से संपन्न कराने के लिये पर्यवेक्षकों
की तैनाती के अलावा सुरक्षा के व्यापक प्रबन्ध किये हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त अपने दो सहयोगी चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखवीर सिंह संधू के साथ आयोग के मुख्यालय से पूरी प्रक्रिया पर निगाह रखे हुये हैं।
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कड़वा सत्य