नयी दिल्ली, 16 जनवरी (कड़वा सत्य) केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की यात्रा में स्टार्टअप उद्यमों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
श्री गोयल ने पिछले आठ वर्ष में भारत में स्टार्टअप इकाइयों के तेजी फलने-फूलने के वातावरण के निर्माण का उल्लेख करते हुये कहा कि “जो कभी नयी बात हुआ करती थी, आज वह राष्ट्रीय मुख्यधारा का अभिन्न अंग बन गई है।”
श्री गोयल के पास एवं उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है। वह यहां स्टार्टअप पुरस्कार और राज्य रैंकिंग पुरस्कार समारोह को सबोधित कर रहे थे। इस बार गुजरात, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु को शीर्ष पुरस्कार
मिले।
श्री गोयल ने इस अवसर पर मार्च 2024 में ‘स्टार्टअप महाकुंभ’ का आयोजन करने की घोषणा की। उन्होंने स्टार्टअप इको-सिस्टम के लिये निरंतर सरकारी मदद का आश्वासन दिया तथा उद्यमियों को विशाल उपभोक्ता बाजार का लाभ उठाने और एक उभरती हुई स्टार्टअप प्रणाली को विकसित स्टार्टअप प्रणाली में बदलने के लिए सहयोगात्मक रूप से काम करने के लिए आमंत्रित किया।
उन्होंने कहा कि मेडटेक, फिनटेक, एग्रोटेक से लेकर विमानन क्षेत्र, ड्रोन और सिमुलेटर तक विभिन्न क्षेत्रों पर प्रकाश डाला जिनमें स्टार्टअप महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाइब्रेंट गुजरात में कहा था कि भारत की प्राथमिकता
न्यू एज स्किल्स, फ्यूचरिस्टिक टेक, एआई और इनोवेशन है।
श्री गोयल ने कहा कि भारत विश्व स्तर पर तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इको-सिस्टम के रूप में उभरा है, जो अनगिनत उद्यमियों के सपनों को साकार कर रहा है और व्यापार करने के नवीन तरीकों को पेश कर रहा है। मोटे अनाज और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में उपलब्धियों की सराहना करते हुये श्री गोयल ने स्टार्टअप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) जैसे नए क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि यह प्रयास है कि सभी स्टार्टअप उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) पोर्टल पर पंजीकृत हों। उन्होंने केंद्रीय मंत्री ने स्टार्टअप उद्यद्यमियों को मार्ग पोर्टल, सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) , तथा स्टार्टअप्स के लिये पेटेंट, कॉपीराइट और ट्रेडमार्क सुरक्षा के लिये पंजीकरण में शुल्क कम किये जाने का
लाभ उठाने का आह्वान किया।
मनोहर.श्रवण