नयी दिल्ली, 06 अगस्त (कड़वा सत्य) अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कहा है विकास के साथ-साथ जनजाति समाज के जीवन मूल्यों, आस्था और परंपराओं को महत्व मिलना चाहिए।
श्री सिंह ने यहां अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम की ओर से आयोजित नवनिर्वाचित जनजातीय सांसद स्नेह मिलन एवं सम्मान समारोह में मंगलवार को कहा, “विकास के साथ-साथ जनजाति समाज के जीवन मूल्यों, आस्था और परंपराओं को महत्व मिलना चाहिए। जनजाति समाज प्रकृति से उतना ही लेता हैं, जितना भवरें फूलों से मध ले लेते हैं। जनजाति समाज को व्यक्तिगत तथा सामुदायिक वनाधिकार दिलाने के लिए सभी को प्रयत्न करना चाहिए। आरक्षण को लेकर शीर्ष न्यायालय के निर्णय को लेकर हम सभी को समुचित विचार करने की आवश्यकता है। हम सभी अपने लोगों की आवाज बनें।”
इस मौके पर अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय महामंत्री योगेश बापट ने कहा, ” जनजाति समुदायों के लिये शिक्षा, आरोग्य, कौशल विकास, खेलकूद, स्वयं सहायता समूह जैसे संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा करना जरूरी है।”
वहीं, अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य ने लोगों से एकसाथ मिलकर काम करने का आवाह्नन किया।
पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने कहा, “समाज को साथ लेकर चलना चाहिए। सांसदों को चुनकर आने पर लोगों भूलना नहीं चाहिए। युवाओं की शिक्षा और उनके कौशल विकास के लिए सभी सांसदों को अपने-अपने क्षेत्र में कार्य करने की आवश्यकता है। सरकारी योजनाओं की जानकारी अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों तक पहुँचाना चाहिए। हमें जनता से दूर नहीं जाना चाहिए। जनसम्पर्क टूटना नहीं चाहिए।”
इस मौके पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष हर्ष चौहान, जनजातीय कार्य मंत्री जुएल उरांव और जनजातीय समुदाय के नवनिर्वाचित सांसद उपस्थित थे।
, संतोष
कड़वा सत्य