जयपुर, 02 जनवरी (कड़वा सत्य) समर्पण संस्था के संस्थापक अध्यक्ष आर्किटेक्ट डॉ. दौलत राम माल्या ने कहा है कि चरित्र जन्मजात नहीं होता बल्कि इसे बनाया जाता है और विचार रूपी ईंटें ही चरित्र का निर्माण करती है ।
डा माल्या मंगलवार को यहां नव वर्ष पर संस्था कार्यालय में आयोजित “मन का विज्ञान और जीवन प्रबंधन” विषयक व्याख्यान में यह विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इंसान अपने विचारों में गढ़े हथियारों से स्वयं का विध्वंस भी कर लेता है और विचारों द्वारा निर्मित औज़ारों से आनंद और शांति का महल भी खड़ा करता है। अच्छे विचार स्वयं और समाज के लिए कल्याणकारी होते हैं और बुरे विचार इंसान को पतन की ओर ले जाते हैं ।
डॉ. माल्या ने पीपीटी प्रजेंटेशन द्वारा मन के विज्ञान और जीवन प्रबंधन की व्याख्या करते हुए कहा कि जीवन एक मालवाहक ट्रक की तरह है। यह हमें तय करना है कि इसमें हम कोयले भरते हैं या हीरे ।समय का पल पल उपयोग करना चाहिए क्योंकि इसे कभी वापस नहीं लाया जा सकता है । उन्होंने सब में एक परिपूर्ण जीवन जीने की संभावनाएं बताते हुए कहा कि जीवन का प्रबंधन यदि ठीक है तो उत्कर्ष जीवन का निर्माण कर सकते हैं ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि कृषि विभाग के सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक पुखराज मेंशन ने कहा कि अंधविश्वास मिटाकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सेवानिवृत्त आईआरएएस सी एल वर्मा ने कहा कि मन का विज्ञान बहुत महत्वपूर्ण विषय है इसे समझने का प्रयास करना चाहिए।
इस अवसर पर डॉ. माल्या ने वर्ष 2024 में संस्था द्वारा किये जाने वाले 12 कार्यक्रमों का तिथिवार कैलेंडर जारी किया।
जोरा