नयी दिल्ली, 24 अगस्त (कड़वा सत्य) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को कहा कि मोदी सरकार की नीतियां युवा विरोधी हैं जिसके कारण कंपनियों में रोजगार के अवसर घटे हैं और मुट्ठी भर सरकारी नौकरियों के लिए लाखों युवक आवेदन कर रहे हैं।
श्री खड़गे ने आज यहां कहा कि इंश्योरेंस आदि क्षेत्रों में नौकरियां बहुत घट गई हैं। वर्ष 2022-23 में 375 कंपनियों में 3.45 लाख नौकरियां घटी हैं और इसकी वजह से देश में बेरोजगारी तेजी से बढ़ी है। मोदी सरकार चीन को ‘लाल आंख’ दिखाने की बजाय ‘चीनी कंपनियों’ के लिए लाल कारपेट बिछा रही है और देश में युवाओं के लिए नौकरियों का अकाल पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, “मोदी सरकार की युवा विरोधी नीतियों के चलते देश में नौकरियों का अकाल पड़ गया है। बैंक ऑफ़ बड़ौदा की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि केवल 2022-23 में ही देश की 375 कंपनियों में 2.43 लाख़ नौकरियां घट गईं कुछ मुट्ठीभर नौकरियां पाने के लिए हमारे लाखों युवा चक्कर काट रहे हैं।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा,”बिहार में सिपाही भर्ती परीक्षा चल रही है, उसमें मात्र 21 हज़ार खाली पदों के लिए 18 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इससे पहले वाली परीक्षा का पेपर चार दिन पहले लीक हो गया था, जिसके कारण परीक्षा दोबारा से कराई जा रही है। उत्तर प्रदेश में 60 हज़ार सिपाहियों की भर्ती के लिए 26 राज्यों के 6.30 लाख युवाओं ने आवेदन किया है। इस परीक्षा का भी पेपर एक बार लीक हो चुका है। केवल जुलाई तक ही, इस साल 1.24 लाख आईटी सेक्टर में नौकरियां घटीं, जिसमें भारत के युवाओं को खासा नुकसान हुआ।”
उन्होंने कहा,”बैंकिंग, फाइनेंस,इंश्योरेंस, हॉस्पिटलिटी -सभी सेक्टरों में नौकरियां कम हुई हैं। ऊपर से मोदी सरकार चीन को ‘लाल आँख’ नहीं, चीनी कंपनियों के निवेश के लिए ‘लाल कारपेट’ बिछाने जा रही है। मोदी जी ने ग़लत कार्यप्रणाली का इस्तेमाल करवा कर एक रिपोर्ट बनवाई और करोड़ों रोज़गार देने के झूठे दावे किये। केएलईएमएस के डेटा से फ़र्ज़ी विचार गढ़ने के लिए मोदी सरकार ने गणना का सहारा न लेकर, अलग-अलग वर्ष के लिए अलग-अलग आबादी के डेटा सेट का सहारा लिया, जिससे कामगार गणना अनुपात ग़लत आया। ऊपर से ग् ीण और शहरी आबादी की वृद्धि एक ही मान ली गई, जिससे अधिक अनुमान हुआ है।”
उन्होंने कहा कि सरकार ने जो आंकड़ा नौकरियों को लेकर दिया है उसमें गड़बड़ी हुई है। श्री खड़गे ने कहा, “अब जगजाहिर है कि इसमें ‘अनपेड श्रमिक’ और ‘हर सप्ताह एक घण्टा कार्य’ को भी रोज़गार की श्रेणी में गिना गया है। भारत के हताश-निराश बेरोज़गार युवा मोदी सरकार के ये झूठे हथकंडे अब समझ गए हैं। आने वाले राज्यों के चुनाव में भाजपा को इसका सबक ज़रूर मिलेगा।”
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कड़वा सत्य