नयी दिल्ली 29 अक्टूबर (कड़वा सत्य) प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी ने कहा है कि स्वास्थ्य सेवा का मजबूत ढांचा तैयार करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है जिससे प्रत्येक नागरिक को किफायती, उच्च स्तरीय और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध होंगी।
श्री मोदी मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में धन्वंतरि जयंती और नौवें आयुर्वेद दिवस पर स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित 12 हजार 850 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का शुभारंभ, उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवा ढांचा मजबूत करने के लिए पांच स्तंभों को निवारक स्वास्थ्य सेवा, बीमारियों का शीघ्र पता लगाना, मुफ्त और कम लागत वाला उपचार और दवाएं, छोटे शहरों में डॉक्टरों की उपलब्धता और अंत में स्वास्थ्य सेवाओं में प्रौद्योगिकी के विस्तार पर जोर दिया गया है।
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया और केंद्रीय आयुष मंत्री प्रताप राव जाधव, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल और केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री शोभा करंदाजे तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद
रहे।
श्री मोदी ने कहा कि किसी राष्ट्र की प्रगति उसके नागरिकों के स्वास्थ्य से सीधे जुड़ी होती है। इसलिए नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “भारत स्वास्थ्य क्षेत्र को समग्र स्वास्थ्य के रूप में देख रहा है।” उन्होंने कहा कि आज की परियोजनाएं इन पांच स्तंभों की एक झलक प्रदान करती हैं।
प्रधानमंत्री ने श्रमिकों के इलाज के लिए कई अस्पतालों की स्थापना पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि यह श्रमिकों के उपचार का केंद्र बनेंगे। उन्होंने फार्मा इकाइयों के उद्घाटन का भी जिक्र किया जो उन्नत दवाओं और उच्च गुणवत्ता वाले स्टेंट और प्रत्यारोपण के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी और भारत के विकास को आगे बढ़ाएंगी।
उन्होंने कहा कि हम में से अधिकांश लोग ऐसे पृष्ठभूमि से आते हैं जहां बीमारी का मतलब पूरे परिवार पर बिजली गिरना होता है और खासकर गरीब परिवार में अगर कोई व्यक्ति गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो जाता है, तो परिवार का हर सदस्य बुरी तरह से प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब लोग इलाज के लिए अपना घर, जमीन, गहने, सब कुछ बेच देते थे और भारी खर्च को वहन करने में असमर्थ होते थे, जबकि गरीब लोगों को स्वास्थ्य सेवा और परिवार की अन्य प्राथमिकताओं के बीच चयन करना पड़ता था।
श्री मोदी ने कहा कि गरीबों की निराशा को दूर करने के लिए सरकार ने आयुष्मान भारत योजना शुरू की, जहां सरकार गरीबों के पांच लाख रुपये तक के अस्पताल में भर्ती होने का खर्च वहन करेगी। प्रधानमंत्री ने संतोष व्यक्त किया कि देश के लगभग चार करोड़ गरीब लोगों ने बिना एक भी रुपया खर्च किए इलाज कराकर आयुष्मान योजना का लाभ उठाया है।
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