नयी दिल्ली 24 अक्टूबर (कड़वा सत्य) प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान ने उद्योग, अनुसंधान एवं विकास संगठनों तथा सेनाओं से रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने और भारत को ‘सशक्त, सुरक्षित और विकसित’ बनाने के लिए परस्पर तालमेल बढाने का आग्रह किया है।
जनरल चौहान ने गुरूवार को प्रौद्योगिकी प्रबंधन पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन टेक्मा 2024 का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। रक्षा एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ‘ विज़न इंडिया 2047 के लिए रक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी प्रबंधन’ थीम पर इस सम्मेलन का प्रौद्योगिकी प्रबंधन संस्थान मसूरी में आयोजन किया था। इसका लक्ष्य 2047 तक आत्मनिर्भर बनने के राष्ट्रीय उद्देश्य के साथ देश की रक्षा प्रौद्योगिकियों को जोड़ना है।
उन्होंने बदलते समय के साथ तालमेल बिठाने के लिए मानसिकता बदलने की जरूरत पर जोर देते हुए नवोन्मेषी और अनूठे विचारों के साथ आने का आह्वान किया जो सशस्त्र बलों और बदले में देश के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
सम्मेलन की शुरुआत ‘विज़न इंडिया 2047 के लिए भविष्य की प्रौद्योगिकियों का उपयोग और स्वदेशी क्षमताओं को मजबूत करने’ पर एक गोलमेज चर्चा के साथ हुई। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने उद्घाटन समारोह में सम्मानित अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। टेक्मा 2024 की थीम भविष्य की रक्षा प्रौद्योगिकियां, 2047 के लिए रणनीतिक दृष्टि के साथ प्रौद्योगिकी प्रबंधन, रक्षा और मूल्य इंजीनियरिंग में परियोजना प्रबंधन उत्कृष्टता और व्यावसायीकरण हैं।
टेक्मा-2024 से प्राप्त सोच से भारत के स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने, बहु-विषयक अनुसंधान क्षेत्रों की पहचान करने, परियोजना प्रबंधन प्रक्रियाओं में सुधार करने और तकनीकी, तार्किक और कार्यान्वयन चुनौतियों को दूर करने के लिए भविष्य की रक्षा प्रौद्योगिकियों के लिए समाधान विकसित करने की उम्मीद है।
कड़वा सत्य