दिल्ली, 25 दिसंबर (कड़वा सत्य) साहित्य कला परिषद की कला, संस्कृति और भाषा विभाग, दिल्ली सरकार तीन दिवसीय वार्षिक ‘ठुमरी’ महोत्सव आयोजित करने जा रहा है।
ठुमरी भारतीय शास्त्रीय संगीत की एक गायन शैली है।
यह महोत्सव 26, 27 और 28 दिसंबर को कमानी ऑडिटोरियम (कोपरनिकस मार्ग, मंडी हाउस) में मनाया जाएगा। इस महोत्सव में कला, संस्कृति और भाषा मंत्री सौरभ भारद्वाज मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। यह महोत्सव परंपरा और नवीनता को एक साथ जोड़ेगा। महोत्सव में प्रसिद्ध उस्तादों और उभरते सितारों के समूह अपनी जोशीली प्रस्तुतियां देंगे। इस महोत्सव से आप भी जुड़ सकते हैं और ठुमरी गायन का आनंद ले सकते हैं।
महोत्सव के पहले दिन श्री पद्मजा चक्रवर्ती, डॉ. सोमा घोष और विदुषी अश्विनी भिडे देशपांडे लोगों को मंत्रमुग्ध करने वाले हैं। श्री पद्मजा चक्रवर्ती, गिरिजा देवी जैसी दिग्गजों से प्रशिक्षित हैं। उन्होंने ठुमरी, दादरा और अन्य पूरव अंग शैलियों में महारत हासिल की है। इनके अलावा, डॉ. सोमा घोष पद्मश्री से सम्मानित हैं। पहले दिन डॉ. घोष की बनारस शैली की ठुमरी, टप्पा और गज़ल की भावपूर्ण प्रस्तुति आपको मंत्रमुग्ध कर देगी। विदुषी अश्विनी भिडे देशपांडे की प्रस्तुति भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाली होगी।
महोत्सव के दूसरे दिन पंडित विश्वनाथ, विदुषी श्रुति सडोलीकर, पंडित साजन मिश्रा और स्वरांश मिश्रा जैसे उस्तादों की प्रस्तुतियां देखने को मिलेगी। पंडित विश्वनाथ एक संगीत परिवार से ताल्लुक रखते हैं। इस महोत्सव में वे ठुमरी, भजन और अन्य शैलियों में अपना जादू बिखेरने वाले हैं। वहीं, विदुषी श्रुति सडोलीकर की भावपूर्ण प्रस्तुतियों के माध्यम से आप जयपुर-अतरौली घराने की गहराई और वंशावली में डुब जाएंगे। पंडित साजन मिश्रा और स्वरांश मिश्रा की जोड़ी समृद्ध बनारस परंपरा का प्रतीक है।
महोत्सव के तीसरे दिन सुश्री पूजा गोस्वामी, सुश्री सुचेता गांगुली, पंडित अजय पोहनकर और श्री अभिजीत पोहनकर अपनी प्रस्तुतियां देंगे। सुश्री पूजा गोस्वामी, प्रसिद्ध उस्तादों द्वारा प्रशिक्षित हैं। सुश्री गोस्वामी की जीवंत गायकी मंच को अनूठी और मनमोहक शैली से रंग देगी। सुश्री सुचेता गांगुली, ठुमरी की टेपेस्ट्री में अपनी विशिष्ट प्रतिभा का स्पर्श जोड़ते हुए एक अविस्मरणीय प्रदर्शन देने वाली हैं। पंडित अजय पोहनकर और श्री अभिजीत पोहनकर भव्य उत्सव के साथ महोत्सव का समापन करेंगे।
महोत्सव के बारे में बात करते हुए दिल्ली के कला, संस्कृति और भाषा मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा,“ठुमरी महोत्सव हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक आकर्षक उत्सव है। हम सभी संस्कृति प्रेमियों को इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करते हैं। इससे हमारी पारंपरिक कलाओं को बढ़ावा मिलेगा।”
संजय