नयी दिल्ली, 01 मई (कड़वा सत्य) उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री ने 2012 के 2जी स्पेक्ट्रम फैसले से हटकर कुछ विशेष मामलों में स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक स्तर पर आवंटन की अनुमति देने की केंद्र सरकार की याचिका स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार (न्यायिक सूची) पवनेश डी ने याचिका को ‘गलत धारणा’ वाला करार दिया, क्योंकि सरकार ने स्पष्टीकरण मांगने की आड़ में 2012 के आदेश की समीक्षा की मांग की थी। उन्होंने कहा कि लंबे समय अवधि के बाद दायर इस याचिका पर विचार करने के लिए कोई ‘उचित कारण’ नहीं पाया गया।
उन्होंने अस्वीकार करते हुए कहा, “इस अदालत द्वारा निर्धारित सिद्धांतों के मद्देनजर केंद्र के इस आवेदन पर गौर करने पर स्पष्ट हुआ कि यह सुनवाई करने योग्य नहीं है, क्योंकि यह याचिका ( विचार करने के लिए) किसी भी उचित आधार का खुलासा नहीं करता है।”
रजिस्ट्रार ने यह भी कहा कि आवेदक ने समीक्षा याचिका में पहले से ही की गई एक समान प्रार्थना के साथ वर्तमान आवेदन दाखिल करने की आड़ में लंबे समय के बाद खुली अदालत में मामले की दोबारा सुनवाई कराने का प्रयास किया, जिसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।
रजिस्ट्रार ने कहा, “दो फरवरी 2012 के फैसले में साफ तौर पर कहा गया है कि आवेदक को फैसले के स्पष्टीकरण के लिए इस प्रकृति का आवेदन दायर करने का अधिकार नहीं देती है। इससे भी स्पष्ट है कि जब भारत सरकार की ओर से शीर्ष अदालत द्वारा निर्धारित कानून (निर्धारित) की समीक्षा की मांग करते हुए दायर की गई समीक्षा याचिका 10 मई, 2012 को वापस ले ली गई।”
याचिका में केंद्र सरकार ने उस फैसले में संशोधन की मांग की थी, ताकि प्रशासनिक प्रक्रिया के माध्यम से स्पेक्ट्रम का आवंटन किया जा सके। केंद्र ने सुरक्षा, रक्षा, सुरक्षा और आपदा तैयारी जैसे कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए कार्यकारी कार्रवाई के माध्यम से आवंटन की अनुमति मांगी थी।
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कड़वा सत्य