वाशिंगटन, 15 जनवरी (कड़वा सत्य) यूएसएस लैबून विध्वंसक यमन के विद्रोही अंसार अल्लाह आंदोलन (हाउती) की ओर से लाल सागर में किए गए मिसाइल हमले की चपेट में आ गया हालांकि युद्धपोत से टकराने से पहले ही मिसाइल को रोक लिया गया।
अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने सोमवार को कहा कि 14 जनवरी को शाम लगभग 4:45 बजे (सना समय), एक एंटी-शिप क्रूज़ मिसाइल को यमन के ईरानी समर्थित हाउती उग्रवादी इलाकों से यूएसएस लाबून (डीडीजी 58) की ओर दागा गया, जो दक्षिणी लाल सागर में सक्रिय था।
बयान में कहा गया है कि एक अमेरिकी लड़ाकू जेट ने यमन के तट पर अल हुदायदाह शहर के पास इस मिसाइल को नष्ट कर दिया।
नवंबर 2023 में हाउती ने इजरायल से जुड़े किसी भी जहाज पर हमला करने के अपने इरादे की घोषणा की तथा अन्य देशों के जहाजों से अपने चालक दल को वापस बुलाने का आग्रह किया। हाउती ने तब तक अपने हमले जारी रखने का संकल्प लिया है जब तक कि इजरायल गाजा पट्टी में अपनी सैन्य कार्रवाई समाप्त नहीं कर देता।
गौरतलब है कि अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने 19 दिसंबर को लाल सागर को सुरक्षित करने के लिए एक बहुराष्ट्रीय अभियान शुरू करने की घोषणा की, जिसमें कहा गया था कि ब्रिटेन, बहरीन, कनाडा, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड, नॉर्वे, सेशेल्स और स्पेन मिशन में भाग लेंगे। हाउती ने अमेरिका के नेतृत्व वाले समुद्री गठबंधन में शामिल होने वाले किसी भी जहाज पर हमला करने की कसम ली थी।
इससे पहले शुक्रवार को अमेरिका और ब्रिटेन की सेना ने यमन के चार प्रांतों में 23 हवाई हमले किए, जिनमें राजधानी सना, अल हुदैदा, ताइज़ और सदाह शहर शामिल थे। बाद में यूएस एयर फ़ोर्स सेंट्रल ने बताया कि यमन में हाउती के खिलाफ अमेरिकी हमलों ने 16 अलग-अलग स्थानों पर 60 से अधिक लक्ष्यों को निशाना बनाया।
हाउती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने बाद में बताया कि अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन में हाउती ठिकानों पर 73 हमले किए, जिसमें पांच लड़ाके मारे गए और छह अन्य घायल हो गए। हाउती की उच्च राजनीतिक परिषद के सदस्य मोहम्मद अली अल-हाउती ने पश्चिमी हमलों को ‘बर्बर आतंकवाद’ और ‘जानबूझकर अनुचित आक्रामकता’ बताया।
समीक्षा डेस्क