नयी दिल्ली 11 अगस्त (कड़वा सत्य) अदानी उद्योग समूह ने अमेरिकी फर्म हिंडेनबर्ग रिसर्च की उस ताजा रिपोर्ट को बाजार में मुनाफा कमाने के लिए पहले से तय एक दुर्भावनापूर्ण, शरारती और निराधार बताया है, जिसमें पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधबी बुच के विदेश में कथित निवेश को उसके साथ जोड़ा गया है।
अदानी समूह ने हिंडेनबर्ग रिसर्च की शनिवार को जारी रिपोर्ट पर कहा है कि अमेरिकी फर्म ने इस रिपोर्ट में सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कुछ चुने हुए तथ्यों को अपने ढंग से प्रस्तुत करने की चालाकी की है। रिपोर्ट में जिन व्यक्तियों का नाम दिया गया है उनसे उसका कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है।
अदानी समूह के प्रवक्ता ने समूह की ओर से रविवार को शेयर बाजारों को दी गई जानकारी को साझा करते हुए कहा, “हिंडनबर्ग के नवीनतम आरोप तथ्यों और कानून की उपेक्षा के साथ व्यक्तिगत मुनाफाखोरी के लिए पूर्व-निर्धारित निष्कर्षों पर पहुंचने के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का दुर्भावनापूर्ण, शरारती और चालाकी भरा चयन मात्र हैं।”
अदानी समूह ने रिपोर्ट में उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा है कि ये आरोप पहले बदनाम साबित हो चुके हिंडेनबर्ग के दावों का पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) मात्र है, जिनकी गहन जांच की गई है, जो निराधार साबित हुए हैं।
अदानी समूह ने यह भी कहा है कि जनवरी 2024 में उच्चतम न्यायालय ने ये आरोप खारिज कर दिए हैं।
अदानी समूह ने कहा है, “यह दोहराया जाता है कि हमारी विदेशी होल्डिंग संरचना पूरी तरह से पारदर्शी है, जिसमें सभी प्रासंगिक विवरण कई सार्वजनिक दस्तावेजों में नियमित रूप से प्रकट किए जाते हैं। इसके अलावा, अनिल आहूजा अदानी पावर (2007-2008) में आए निवेश फंड के नामित निदेशक थे और बाद में वर्ष 2017 तक अदानी एंटरप्राइजेज के निदेशक थे।”
समूह ने कहा है कि बदनाम करने के इस सोचे-समझे प्रयास में उल्लिखित व्यक्तियों या मामलों के साथ अदानी समूह का कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है।
कड़वा सत्य