नयी दिल्ली, 28 जुलाई (कड़वा सत्य) शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक ने रविवार को यहां कहा कि हिमालयन रॉकेट स्टोव पर्यावरण को कम प्रदूषित करते हैं और लोग स्वस्थ पूर्ण जीवन जीते हैं।
दिल्ली में हिमालयन रॉकेट स्टोव द्वारा ‘हिमालय और अन्य क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के समाधान को विस्तार देने’ विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में इंजीनियर और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक, सोशल अल्फा की स्मिता राकेश, हिमालयन रॉकेट स्टोव के संस्थापक रसल कॉलिन्स और रणनीतिक सलाहकार अजय मुटरेजा सहित अन्य लोग मौजूद थे। इन सभी ने जलवायु परिवर्तन जैसे गंभीर विषय के तत्काल समाधान पर गहन चर्चा की।
इस दौरान, जलवायु परिवर्तन के स्थायी और प्रभावशाली समाधान पर जोर देते हुए श्री वांगचुक ने कहा, “हिमालय और उसके आस-पास के क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन बहुत ज्यादा प्रभावी है यानी वहां इसे घटित होते हुए देखा जा सकता है। इसके कारण हिमालय को काफी नुकसान पहुंच रहा है और वहां के पारिस्थितिकी तंत्र पर इसका बहुत ज्यादा असर पड़ा है इसलिए हमें ना सिर्फ जलवायु परिवर्तन का स्थायी समाधान विकसित करना होगा बल्कि उसे बड़े पैमाने पर लागू भी करना होगा।“
हिमालयन रॉकेट स्टोव के संस्थापक और ऑस्ट्रेलियाई मूल के नागरिक रसल कॉलिन्स ने भी जलवायु परिवर्तन को पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा बताते हुए कहा, “हमारी संस्था जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उनका उद्देश्य ऐसे नए तरीकों को विकसित करना है जो जलवायु परिवर्तन का प्रभावी ढंग से समाधान कर सकें।”
कार्यक्रम के अलग-अलग सत्र में जलवायु परिवर्तन के लिए काम करने वाली संस्थाओं, समुदायों और सरकारों के बीच सहयोग को मजबूत करने जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई।
हिमालयन रॉकेट स्टोव ऐसे हीटिंग उपकरण हैं जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं और ये जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने तथा आम लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने में काफी कारगर साबित हैं।
सैनी
कड़वा सत्य