नयी दिल्ली, 19 जुलाई (कड़वा सत्य) उच्चतम न्यायालय ने गुजरात में वर्ष 2002 के दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसके परिवार के कई सदस्यों की निर्मम हत्या के दोषी दो लोगों की अंतरिम जमानत याचिकाएं शुक्रवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति खन्ना और न्यायमूर्ति पी वी कुमार की पीठ ने दोषी राधेश्याम भगवानदास उर्फ लाला वकील और राजूभाई बाबूलाल सोनी की याचिकाओं पर की वैधता पर सवाल उठाते हुए उन पर विचार करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया।