Operation Sindoor: भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को फिर साबित करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। इस ऑपरेशन में 90 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद उठाए गए इस सख्त कदम ने न केवल भारत की सैन्य ताकत का लोहा मनवाया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी आतंक के खिलाफ देश की दृढ़ इच्छाशक्ति को प्रदर्शित किया।
सर्वदलीय बैठक: राष्ट्रीय एकता का मंच
मोदी सरकार ने इस ऐतिहासिक ऑपरेशन के बाद राष्ट्रीय एकजुटता को मजबूत करने के लिए गुरुवार, 8 मई को सुबह 11 बजे संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग में सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में सरकार ऑपरेशन सिंदूर की सफलता, आगे की रणनीति और सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों पर विस्तृत जानकारी साझा करेगी। यह दूसरी सर्वदलीय बैठक होगी, जो पहलगाम हमले के बाद बुलाई गई है। इससे पहले 24 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संसद की एनेक्सी बिल्डिंग में बैठक हुई थी, जिसमें गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद राहुल गांधी सहित कई नेता शामिल थे।
पहलगाम हमले का बदला: 90+ आतंकी ढेर
6-7 मई की रात भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और PoK में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए। इस ऑपरेशन में मुरिदके और बहावलपुर जैसे आतंकी गढ़ों को निशाना बनाया गया। भारतीय सेना के अनुसार, यह 1971 के बाद पाकिस्तान की धरती पर भारत का सबसे बड़ा सैन्य ऑपरेशन था। ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ पहलगाम हमले में मारे गए लोगों की पत्नियों के सम्मान में रखा गया, जो हिंदू परंपरा में सुहाग का प्रतीक है।
सर्वदलीय बैठक का मकसद
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष को एकजुट करना है। सरकार ऑपरेशन की तकनीकी और रणनीतिक जानकारी साझा करेगी, जिसमें आतंकी ठिकानों की पहचान, हमले की सटीकता और भविष्य की तैयारियों पर चर्चा होगी। विपक्षी नेता भी इस बैठक में अपनी राय रखेंगे। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे और देश को एकजुट रखने का संदेश देंगे।”
विपक्ष का समर्थन, देश की एकता
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विपक्ष ने भी सरकार का साथ दिया है। कांग्रेस, टीएमसी और आप जैसे दलों ने भारतीय सेना की कार्रवाई की सराहना की है। कांग्रेस ने कहा, “पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए यह ऑपरेशन जरूरी था।” वहीं, बीजेपी ने इसे प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता और सैन्य नेतृत्व का परिणाम बताया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और चुनौतियां
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने इसे ‘युद्ध की कार्रवाई’ करार देते हुए जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया कि यह हमला केवल आतंकी ठिकानों पर था, न कि पाकिस्तानी सेना पर। भारत ने अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और सऊदी अरब जैसे देशों को ऑपरेशन की जानकारी दी, जिससे वैश्विक समुदाय में उसकी स्थिति मजबूत हुई।