ED Summons Robert Vadra: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें भगोड़े हथियार डीलर संजय भंडारी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है। एजेंसी ने वाड्रा को 10 जून 2025 को पेश होने का निर्देश दिया था, लेकिन वाड्रा ने ED को सूचित किया कि वह आज उपस्थित नहीं हो पाएंगे। उन्होंने पूछताछ के लिए नई तारीख मांगी है। इस घटनाक्रम ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, क्योंकि वाड्रा ने इस जांच को अपने और अपने परिवार के खिलाफ “राजनीतिक साजिश” करार दिया है।
संजय भंडारी, जो 2016 में भारत छोड़कर भाग गया था, वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम में रह रहा है। उस पर विदेशों में संपत्ति छिपाने, रिश्वतखोरी और कई भारतीय कानूनों के उल्लंघन का आरोप है। भारतीय अधिकारी ब्रिटेन से उसके प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटे हैं। ED का मानना है कि भंडारी ने भारत में रक्षा सौदों से अवैध तरीके से कमाए धन का इस्तेमाल लंदन और दुबई में संपत्तियां खरीदने के लिए किया था। इस मामले में वाड्रा का नाम भंडारी के करीबी सहयोगी के रूप में सामने आया है, जिसके बाद ED ने जांच को और तेज कर दिया है।
हरियाणा भूमि सौदा और लंदन की संपत्तियां
ED की जांच का केंद्र एक पुराना हरियाणा भूमि सौदा है, जिसने वाड्रा को विवादों में घेरा हुआ है। साल 2008 में वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 7.5 करोड़ रुपये में एक जमीन खरीदी थी। इसके बाद, इस जमीन पर हाउसिंग सोसाइटी विकसित करने की अनुमति मिलने से इसकी कीमत आसमान छू गई। 2012 में वाड्रा ने इस जमीन को DLF को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया। ED का दावा है कि इस सौदे में वित्तीय अनियमितताएं थीं, जो भंडारी के साथ वाड्रा के कथित संबंधों से जुड़ी हैं।
इसके अलावा, जांच में भंडारी की दुबई स्थित फर्म ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशंस एफजेडसी के खातों में 310 करोड़ रुपये की रिश्वत राशि का पता चला है। ED का कहना है कि इस “अपराध की आय” का इस्तेमाल लंदन और दुबई में संपत्तियां खरीदने में किया गया। एजेंसी ने अब तक 150 करोड़ रुपये का हिसाब लगाया है और भारत में भंडारी की 26 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है। भंडारी पर मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA), काला धन अधिनियम और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम जैसे कई कानूनों के उल्लंघन का आरोप है।
राजनीतिक साजिश या कानूनी कार्रवाई?
रॉबर्ट वाड्रा का कहना है कि ED की कार्रवाई उनके और गांधी परिवार के खिलाफ एक सुनियोजित साजिश है। इससे पहले अप्रैल में ED ने उनसे इस मामले में करीब 16 घंटे तक पूछताछ की थी। तब भी वाड्रा ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया था। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बहनोई होने के नाते वाड्रा का हर कदम राजनीतिक बहस का विषय बन जाता है। इस समन ने एक बार फिर कांग्रेस और सत्तारूढ़ दल के बीच तनाव को हवा दे दी है।
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, यह मामला और जटिल होता जा रहा है। लंदन की संपत्तियों, वित्तीय लेनदेन और भंडारी के साथ कथित संबंधों के इर्द-गिर्द सवाल बने हुए हैं। वाड्रा के समन टालने के फैसले ने इस कहानी में नया ड्रामा जोड़ दिया है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि ED की अगली चाल क्या होगी और क्या वाड्रा इस जांच के जाल से निकल पाएंगे।