• About us
  • Contact us
Thursday, January 1, 2026
12 °c
New Delhi
18 ° Fri
17 ° Sat
Kadwa Satya
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
Kadwa Satya
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
  • जीवन मंत्र
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
  • स्पेशल स्टोरी
Home देश

‘मेक इंडिया ग्रेट अगेन’ एक सपना या सियासी नारा? 10 साल बाद कड़वी सच्चाई आई सामने!

News Desk by News Desk
July 1, 2025
in देश
‘मेक इंडिया ग्रेट अगेन’ एक सपना या सियासी नारा? 10 साल बाद कड़वी सच्चाई आई सामने!
Share on FacebookShare on Twitter

“मेक इंडिया ग्रेट अगेन” सिर्फ़ नारा बनकर रह गया? चीन पर बढ़ती निर्भरता, MSME की बदहाली और किसानों की हालत के बीच आत्मनिर्भरता के दावों की पड़ताल करता है यह लेख। पढ़ें आंकड़ों के साथ सच्चाई।

2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ की शुरुआत करते हुए देश को यह भरोसा दिलाया था कि भारत अब न केवल वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनेगा, बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से बढ़ेगा। समय के साथ यह नारा ‘आत्मनिर्भर भारत’ और हाल में ‘मेक इंडिया ग्रेट अगेन’ (MIGA) में तब्दील हुआ — हर चुनावी मंच से जनता को यह यक़ीन दिलाया गया कि भारत अब केवल एक बाज़ार नहीं, बल्कि दुनिया का उत्पादन केंद्र बनेगा।
लेकिन 2025 में खड़े होकर जब हम पीछे देखते हैं, तो आंकड़े किसी और ही सच्चाई की ओर इशारा करते हैं। चीन से आयात दोगुना से भी ज्यादा हो चुका है, जबकि निर्यात लगभग ठहर गया है। सवाल यह उठता है — क्या ‘मेक इन इंडिया’ सिर्फ़ एक चुनावी नारा था?

चीन पर बढ़ती निर्भरता: आत्मनिर्भरता पर गहरा सवाल
2014 में भारत ने चीन से $58.23 अरब का आयात किया था और केवल $13.43 अरब का निर्यात, जिससे व्यापार घाटा $44.8 अरब रहा। 2024 में यही आयात $126.96 अरब तक पहुँच गया, जबकि निर्यात मात्र $14.9 अरब हुआ — यानि घाटा $112.1 अरब। रुपए में बात करें तो भारत हर साल चीन को ₹7 लाख करोड़ से ज़्यादा दे रहा है और बदले में केवल ₹1.42 लाख करोड़ कमा रहा है।
यह खाई केवल संख्या नहीं, बल्कि एक सोच को दर्शाती है — आत्मनिर्भर भारत का आदर्श आज भी चीन के इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, रसायन और दवाओं पर आधारित है। मोबाइल फ़ोन भले ही भारत में असेंबल हो रहे हैं, लेकिन चिप, बैटरी, स्क्रीन और प्रोसेसर आज भी चीन से आते हैं।
वैश्विक व्यापार विशेषज्ञ अजय श्रीवास्तव कहते हैं, “हम निर्माण नहीं कर रहे, सिर्फ असेंबल कर रहे हैं। यही कारण है कि हमारी आत्मनिर्भरता दिखावटी और सतही बन कर रह गई है।”

विनिर्माण और MSME: चुनावी वादों की हकीकत
‘मेक इन इंडिया’ का लक्ष्य था कि विनिर्माण को GDP का 25% हिस्सा बनाया जाए और 10 करोड़ नौकरियाँ सृजित हों। 2025 तक न तो यह लक्ष्य पूरा हुआ और न ही इस दिशा में ठोस प्रगति। वर्तमान में विनिर्माण का हिस्सा केवल 17.7% है और MSME क्षेत्र आज भी वित्तीय कठिनाइयों, बेरोज़गारी और बाजार की असमानताओं से जूझ रहा है।

GST और COVID-19 की मार के बाद MSME क्षेत्र अब तक उभर नहीं पाया है। CII की रिपोर्ट के अनुसार, 2024–25 में 30% से अधिक MSMEs 50% क्षमता से भी कम पर काम कर रहे हैं और हर पाँच में से एक बंद होने की कगार पर है।
विनिर्माण क्षेत्र पर टिप्पणी करते हुए अर्थशास्त्री आर. नागराज कहते हैं, “सरकार ने मोबाइल और रक्षा जैसे पूंजी-प्रधान क्षेत्रों को प्राथमिकता दी है, लेकिन रोज़गार देने वाले श्रमिक-प्रधान MSME को नीति-निर्माण में हाशिए पर रखा गया है।”

कृषि: आत्मनिर्भरता के बाहर खड़ा भारत का किसान
भारत की 42% से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है, जो GDP में लगभग 16% योगदान देती है। इसके बावजूद किसान आज भी संकट में हैं। 2025 की पहली तिमाही में केवल मराठवाड़ा क्षेत्र में 269 किसानों ने आत्महत्या की — जो पिछले साल से 32% अधिक है।
सरकार ने कृषि के लिए ₹1.7 लाख करोड़ की बजट घोषणा की, लेकिन ज़मीनी हालात नहीं बदले। सिंचाई कवरेज 55% से नीचे है, आयातित खादों की महँगाई बढ़ती जा रही है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भी किसानों को नहीं मिल पा रहा।
स्वाभिमानी किसान संघ के नेता राजू शेट्टी कहते हैं, “हम वहीं के वहीं हैं। आत्मनिर्भरता का प्रचार मंच पर ज़ोरदार है, लेकिन खेत में किसान आज भी कर्ज़ और हताशा में डूबा हुआ है।”

व्यापार घाटा देश की आंतरिक असंतुलन की सबसे सीधी तस्वीर है। 2014 में व्यापार घाटा $141.82 अरब था, जो 2025 में $261.1 अरब हो गया। यह दिखाता है कि भारत की अर्थव्यवस्था अब भी खपत-आधारित है, न कि उत्पादन-आधारित।
2025 में भारत के प्रमुख व्यापारिक आंकड़े कुछ इस प्रकार हैं:
• चीन: आयात $113.45 अरब, निर्यात $14.25 अरब → घाटा $99.2 अरब
• अमेरिका: आयात $45.33 अरब, निर्यात $86.51 अरब → अधिशेष $41.18 अरब
• UAE: आयात $63.42 अरब, निर्यात $36.64 अरब → घाटा $26.78 अरब
• रूस: आयात $51.30 अरब, निर्यात $4.20 अरब → घाटा $47.10 अरब
यह स्पष्ट है कि भारत केवल अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष में है, बाकी सभी बड़े देशों से आयात अधिक है।

नारे बनाम ज़मीनी सच्चाई
प्रधानमंत्री मोदी ने 2020 में कहा था — “स्थानीय उत्पादन, स्थानीय आपूर्ति और स्थानीय बाज़ार अब राष्ट्र निर्माण की रीढ़ होंगे।” 2024 में ‘मेक इंडिया ग्रेट अगेन’ के शुभारंभ पर उन्होंने कहा — “भारत केवल दुनिया का बाज़ार नहीं, बल्कि उत्पादन केंद्र बनेगा।”
लेकिन क्या यह सपना हकीकत में बदला? क्या भारत ने वैश्विक उत्पादन में अपनी जगह बनाई? आंकड़े कहते हैं — नहीं।
‘मेक इन इंडिया’, ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इंडिया ग्रेट अगेन’ जैसे नारों ने जनमानस में आशा जगाई थी। लेकिन 10 वर्षों में यह स्पष्ट हो चुका है कि बिना ठोस नीति, बुनियादी ढांचे, और कृषि व MSME को केंद्र में रखे, यह नारे सिर्फ़ सियासी मंचों तक ही सीमित रह जाते हैं।
भारत को अब नारे नहीं, नीति चाहिए। ऐसा विकास चाहिए जो सिर्फ GDP नहीं, बल्कि गाँव, खेत, और कारीगर को भी आगे बढ़ाए।

Tags: 2025 व्यापार घाटा भारतMSME सेक्टर संकटआत्मनिर्भर भारत की असलियतचीन से भारत का व्यापार घाटानरेंद्र मोदी और मेक इन इंडियाभारत आत्मनिर्भर क्यों नहींभारत बनाम चीन आयात-निर्यातभारतीय अर्थव्यवस्था विश्लेषण 2025मेक इंडिया ग्रेट अगेन सच्चाईमेक इन इंडिया की विफलता
Previous Post

Dr Mukesh Kishore Book Launch: “मुझे ऐसे पालें” किताब लॉन्च: हर माता-पिता को पढ़नी चाहिए डॉ. मुकेश किशोर की यह आंख खोलने वाली गाइड!

Next Post

Sitamarhi Janaki Temple News: अयोध्या की तर्ज पर सीतामढ़ी का पुनौराधाम बनेगा भव्य धार्मिक केंद्र, जानिए कितना खर्च करेगी सरकार!

Related Posts

No Content Available
Next Post
Sitamarhi Janaki Temple News: अयोध्या की तर्ज पर सीतामढ़ी का पुनौराधाम बनेगा भव्य धार्मिक केंद्र, जानिए कितना खर्च करेगी सरकार!

Sitamarhi Janaki Temple News: अयोध्या की तर्ज पर सीतामढ़ी का पुनौराधाम बनेगा भव्य धार्मिक केंद्र, जानिए कितना खर्च करेगी सरकार!

New Delhi, India
Thursday, January 1, 2026
Fog
12 ° c
94%
5.8mh
23 c 14 c
Fri
22 c 13 c
Sat

ताजा खबर

कविता : नववर्ष 2026 पर विशेष: नये साल का हौसला !

कविता : नववर्ष 2026 पर विशेष: नये साल का हौसला !

December 31, 2025
2026 में बिहार में विकास की नई दस्तक !

2026 में बिहार में विकास की नई दस्तक !

December 31, 2025
WAPCOS मामला: CMD हटे, लेकिन नेटवर्क कायम—दस्तावेज़ों में उठे गंभीर सवाल

WAPCOS मामला: CMD हटे, लेकिन नेटवर्क कायम—दस्तावेज़ों में उठे गंभीर सवाल

December 31, 2025
2025 भारतीय हॉकी के पुनर्निर्माण का कालखंड !

2025 भारतीय हॉकी के पुनर्निर्माण का कालखंड !

December 31, 2025
दिल्ली परिवहन निगम ने आर टी आई में अजीबोगरीब जवाब दिया !

दिल्ली परिवहन निगम ने आर टी आई में अजीबोगरीब जवाब दिया !

December 30, 2025

Categories

  • अपराध
  • अभी-अभी
  • करियर – शिक्षा
  • खेल
  • गीत संगीत
  • जीवन मंत्र
  • टेक्नोलॉजी
  • देश
  • बॉलीवुड
  • भोजपुरी
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • रोजगार
  • विदेश
  • व्यापार
  • व्रत त्योहार
  • शिक्षा
  • संपादकीय
  • स्वास्थ्य
  • About us
  • Contact us

@ 2025 All Rights Reserved

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी

@ 2025 All Rights Reserved