Zomato Ambulance Service: भारत में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा को लेकर एक नई शुरुआत हो चुकी है – और इसके पीछे है फूड डिलीवरी से क्विक-कॉमर्स तक का सफर तय कर चुकी Zomato. अब कंपनी ने Blinkit के ज़रिए गुरुग्राम में 10 मिनट में पहुंचने वाली एंबुलेंस सेवा शुरू की है, और इस सेवा को मिशन मोड में विस्तार दिया जा रहा है।
Zomato के सह-संस्थापक दीपिंदर गोयल ने गुरुवार को X (पूर्व में ट्विटर) पर यह जानकारी साझा की कि कंपनी अब खुद इन-हाउस पैरामेडिकल ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू कर रही है ताकि सेवा की गुणवत्ता और तेजी को बनाए रखा जा सके।
Zomato नहीं रुकेगा – “हम पीछे नहीं हटेंगे”: गोयल
दीपिंदर गोयल ने अपने पोस्ट में लिखा “यह हमारी सबसे कठिन और संसाधन-गहन परियोजनाओं में से एक है… लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे।” उनका इशारा साफ था – यह कोई पब्लिसिटी स्टंट नहीं, बल्कि एक लंबी रणनीति का हिस्सा है।
अब तक 594 इमरजेंसी कॉल, 50% गंभीर केस
इस सेवा की शुरुआत जनवरी 2025 में गुरुग्राम के गोल्फ कोर्स रोड से हुई थी।
अब तक….
12 एंबुलेंस और 6 डिपो के ज़रिए
594 कॉल्स का रिस्पॉन्स
इनमें से करीब 50% कॉल्स गंभीर इमरजेंसी थीं।
Blinkit की यूनिट ने गुरुग्राम के आधे हिस्से को कवर करना शुरू कर दिया है।
10 मिनट में एंबुलेंस पहुंचने की 83% सफलता दर
Zomato का दावा है कि:
- सेवा अब तक 83% मामलों में 10 मिनट से कम समय में मरीज तक पहुंच चुकी है।
- कंपनी एक ऐसा इमरजेंसी नेटवर्क बनाना चाहती है जिस पर भरोसा किया जा सके – “मदद सिर्फ मिनटों दूर है।”
हर एंबुलेंस में लाइफ सेविंग इक्विपमेंट्स और ट्रेन्ड स्टाफ
Zomato की हर एंबुलेंस में मौजूद हैं….
- ऑक्सीजन सिलेंडर
- AED मशीन
- स्ट्रेचर
- सक्शन डिवाइस
- आवश्यक दवाएं
इनमें एक पैरामेडिक, एक मेडिकल असिस्टेंट और एक प्रशिक्षित ड्राइवर तैनात होता है। सेवा के लिए ₹2000 की फ्लैट फीस ली जाती है।
अब Zomato खुद बनाएगा पैरामेडिक्स
Zomato ने अपने इन-हाउस पैरामेडिक ट्रेनिंग सेंटर की घोषणा की है। इसका मकसद है:
- ट्रेनिंग की गुणवत्ता पर पूरा नियंत्रण
- मैनपावर की कमी को खुद से भरना
- इमरजेंसी में पेशेवर रेस्पॉन्स देने की तैयारी करना
- यह संकेत है कि Zomato इस परियोजना को सिर्फ “पायलट प्रोजेक्ट” नहीं, बल्कि मिशन मानकर चल रही है।
Blinkit CEO बोले – “ये मिशन है, मुनाफा नहीं”
Blinkit के CEO अलबिंदर धिंदसा ने स्पष्ट किया कि यह सेवा लाभ कमाने के लिए नहीं, बल्कि एक पब्लिक हेल्थ मिशन है।
लक्ष्य है, अगले दो साल में सभी मेट्रो शहरों तक इस सेवा को पहुंचाना।
हालांकि, लॉन्च के अगले दिन ही केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल ने यह भी कहा था कि सेवा को भारत के स्वास्थ्य और आपातकालीन सेवा कानूनों का पालन करना होगा।