मंजरी की खोजी रिपोर्ट
नई दिल्ली। भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम ( एम एस एम ई ) मंत्रालय के विकास आयुक्त ( एम एस एम ई ) कार्यालय की ओर से एक पत्रिका का प्रकाशन किया गया है। इसमें तकरीबन हर पृष्ठ पर बड़ी – बड़ी गलतियां की गईं हैं। अंदर के कवर पृष्ठ पर ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर के नीचे बहुत बड़ी ग़लती की गई है !
इस पत्रिका का नाम है — एम एस एम ई पत्रिका। यह समूल्य प्रकाशन है। कीमत है सौ रुपए। संपादक हैं सुश्री अश्विनी लाल, वरिष्ठ आई ई एस अधिकारी और उप संपादक हैं श्री गौरव कटियार। श्री कटियार प्रशासन के संयुक्त निदेशक हैं। संयोगवश दोनो भारतीय आर्थिक सेवा के अधिकारी हैं। दोनों की देखरेख में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर के नीचे मुद्रित किया गया है कि प्रधानमंत्री ने सितंबर 2025 में पी एम विश्वकर्मा योजना के एक कार्यक्रम में भाग लिया। गौरतलब है कि वर्ष 2025 का सितंबर अभी आया नहीं है। फिर प्रधानमंत्री ने सितंबर महीने में कोई कार्यक्रम कैसे कर लिया ? सूत्र बताते हैं कि ऐसा प्रधानमंत्री और सरकार की छवि को जानबूझकर खराब करने के उद्देश्य से किया गया है।
यह पत्रिका जून 2025 में प्रकाशित की गई है। इसमें ऐसी – ऐसी गलतियां हैं जिन्हें सपने में भी करने का दुस्साहस कोई नहीं कर सकता है। सूत्र बताते हैं कि पत्रिका में की गई गलतियों से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों की छवि धूमिल की गई है तथा मुख्य रूप से एन डी ए सरकार को बदनाम करने का प्रयास किया गया है।

नींद से सराबोर भारतीय नौकरशाही !
प्रधानमंत्री की तस्वीर के साथ की गई गड़बड़ी की तो पुष्टि हो गई है लेकिन राष्ट्रपति के साथ की गई गलती की अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है और खोजबीन जारी है। इस बारे में गलतियों का कारण जानने के लिए एम एस एम ई मंत्रालय के अपर सचिव एवं विकास आयुक्त डॉ. रजनीश से जब मिलने की कोशिश की गई तो उनके कार्यालय ने मिलने से मना कर दिया।
सूत्र बताते हैं कि एम एस एम ई मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री श्री जीतन राम मांझी के कार्यालय को इन गलतियों की जानकारी पिछले दिनों हो चुकी है और इस बारे में सभी तथ्यों को जुटाया जा रहा है। इसके बाद दोषियों के खिलाफ आने वाले दिनों में बड़ी कार्रवाई होने की संभावना है।