रणजीत सागर डैम से बुधवार को सुबह के वक्त दो लाख से अधिक क्यूसेक पानी माधोपुर की ओर छोड़ दिया गया. दोपहर तक पानी को नियंतित्र करने का प्रयास किया गया. इस तरह से माधोपुर हैडवर्क्स पर पानी रोकने के लिए बनाए गए गेटों को खोल जा सकता है. इस कार्य में विभाग के 65 कर्मचारी और अधिकारी बाहरी टीमों के साथ जुट गए.
मगर अचानक पानी को रोकने के लिए लगाए गए 54 गेटों में से चार गेट बह गए. इससे एक कर्मचारी बह गया. एक अधिकारी ने बहते हुए कर्मचारी को बचाने का प्रयास किया. मगर वह भी मुश्किल में पड़ गया. इस घटना की वजह से करीब 65 कर्मचारी और अधिकारी कश्मीर कैनाल में पानी आने के कारण फंस गए.
इसके बाद जिलाधीश से संपर्क करके हेलीकॉप्टर के जरिए कर्मचारियों और अधिकारियों को निकालने का काम शुरू किया गया. दो हेलीकॉप्टरों की सहायता से सभी को सुरक्षित निकाला गया. इस दौरान दुर्भाग्यवश एक कर्मचारी पानी में बह गया. इसका अभी कोई पता नहीं चल पाया है.
गौरतलब है कि मंगलवार को रात में यूबीडीसी नहर में भारी पानी आने की वजह से माधोपुर स्थित यूबीडीसी नहर पर बने दोनों पुलों के ऊपर से चार से पांच फीट पानी बह गया. इससे पुल को भारी नुकसान हुआ. पुलों के साथ लगी रेलिंग और नहर के किनारे बने होटल का पीछे का भाग पानी में बह गया. इस हालात के कारण पुलों पर यातायात रुक गया. इसे मंगलवार रात को बंद कर दिया गया. इस दौरान माधोपुर स्थित इंटरेस्टेड पुलिस नाके को पानी आने के डर से वहां से हटा लिया गया था. इसे बुधवार सुबह फिर से स्थापित किया गया.