मंजरी की विशेष रिपोर्ट
दतिया, 13 सितंबर। सितंबर हिंदी का महीना होता है। इस माह में हिंदी पखवाड़ा और हिंदी प्रतियोगिता की बाढ़ आ जाती है। साहित्यिक समारोह की संख्या बढ़ जाती है —- पूरे देश में ! साथ ही विश्व भर में भी इसकी गूंज सुनाई पड़ती है। मध्य प्रदेश में इसी क्रम में दो दिवसीय अखिल भारतीय साहित्यकार सम्मेलन का आयोजन स्थानीय ब्लू स्टार होटल में किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए पूर्व गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा।
मुख्य अतिथि ने कहा कि साहित्यकार समाज का मार्गदर्शक होता है और वह हमेशा समाज को नई दिशा देने का काम करता है। इसलिए साहित्यकारों को समाज में विशेष स्थान प्राप्त है। आज जो विकृतियां समाज में आ रही हैं, उन्हें दूर करने का काम भी साहित्यकारों के ही जिम्मे है।
मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित साहित्य अकादमी के निदेशक डॉक्टर विकास दवे ने कहा कि पूरे देश में दो- चार घटनाएं ही ऐसी घटती हैं जो हमारे सांस्कृतिक वातावरण को खराब करती हैं बाकी 99 पर्सेंट भारतीय परिवार अभी भी कुटुंब परंपरा और भारतीय संस्कृति के अनुरूप काम कर रहे हैं। हमें निरंतर कुटुंब प्रबोधन की आवश्यकता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी अमित अग्रवाल ने की। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय साहित्यकार सम्मेलन दतिया में पूरे देश से साहित्यकारों को बुलाकर दतिया दर्शन और साहित्य दर्शन एक साथ करने का उपक्रम है। कार्यक्रम पांच सत्रों में संपन्न हुआ जिसमें प्रथम सत्र परिचय सत्र के रूप में रहा। इसमें पूरे देश से लगभग 88 साहित्यकारों ने सम्मिलित होकर अपना परिचय दिया , वहीं द्वितीय सत्र उद्घाटन प्रस्तावना के रूप में प्रस्तुत किया गया। जिसमें देश के जाने- माने साहित्यकार और गीत गागर के संपादक डॉ दिनेश प्रभात को ‘भाषा भूषण सम्मान- 2025’ से अलंकृत किया गया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय में संयुक्त निदेशक के पद पर कार्यरत वरिष्ठ आईईडीएस अधिकारी एवं साहित्यकार हरेंद्र प्रताप सिंह ने भारतीय संस्कृति के सामने आसन्न संकट की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया।
कार्यक्रम में समाज सेवी संजीव साहू, अरविंद अग्रवाल, एलआईसी अधिकारी अजय शर्मा, समाज सेवी एवं लाॅर्ड कृष्णा काॅलेज के संचालक सुमित रावत, पुनीत तिलवानी, महेश गुलबानी,रमेश चंद्र अग्रवाल,चंद्र प्रकाश अग्रवाल,डाॅ हेमन्त जैन,डाॅ मुकेश राजपूत,विनोद शर्मा, रमेश चंन्द्र द्विवेदी और कवि मैथिलीशरण श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में तृतीय सत्र विषय – विमर्श का रखा गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉ विकास दवे ने विषय ‘टूटते परिवार और लव जिहाद की चुनौती’ पर अपना वक्तव्य दिया । साथ ही अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे और लव जिहाद जैसे षड्यंत्र के प्रति चिंता व्यक्त की।

कार्यक्रम का चौथा सत्र आदित्य संस्कृति की यात्रा पर रखा गया जिसमें मासिक पत्रिका आदित्य संस्कृति के महत्व और आदित्य संस्कृति में प्रकाशित व्यक्तित्व के विशेषांक पर आधारित विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले 50 से अधिक व्यक्तित्व को ‘स्मृतिषेश डाॅ अन्नपूर्णा भदौरिया सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के पांचवें सत्र अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश के विभिन्न प्रदेशों से आए साहित्यकारों का सम्मान दतिया के विभिन्न दिवंगत कवियों के नाम पर किया गया। वहीं दूसरे दिन विनोद मिश्रा के संयोजन में सद् ग्रंथों की शोभा यात्रा और दिनेश श्रीवास्तव के संयोजन में सबसे बड़े नवगृह मंदिर के दर्शन के साथ – साथ दतिया के मंदिरों के दर्शन के साथ ही कार्यक्रम का समापन हुआ।
कार्यक्रम संयोजक जगत शर्मा ने सभी अतिथियों और अतिथि साहित्यकारों का आभार प्रकट किया । वहीं आदित्य संस्कृति के संपादक भानु शर्मा ने भविष्य में भी इस तरह के आयोजन को लगातार करने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि हिंदी महोत्सव के अंतर्गत ऐसे कार्यक्रम होते रहेंगे।
कार्यक्रम में शुभादित्य शर्मा, अंकित सारस्वत ( खुर्जा, उ.प्र.), डाॅ चंद्रशेखर गोस्वामी (भोपाल), दुर्गेश्वर राय (गोरखपुर), सीताराम मीणा (बारां, राजस्थान), प्रमोद दीक्षित ‘मलय’ (बांदा), उमेष अग्रवाल (झांसी), मीरा अग्रवाल (झांसी), चंद्रशेखर मित्र (प्रतापगढ़), प्रकाश शिन्दे (ग्वालियर), विनय साहू (चित्रकूट), डा यशोधरा यादव (आगरा), अभिशेक मिश्रा (दिल्ली), अनुपमा मिश्रा (दिल्ली), कुलदीप मिश्रा (मैनपुरी), डाॅ सीमा शर्मा ‘मंजरी,’ डाॅ रामनिवास तिवारी ‘आशुकवि’ (निवाडी) , डाॅ राजेश तिवारी ‘मक्खन, (झांसी), विजय कुमार सैनी, (झांसी ) डाॅ राजश्री यादव (आगरा), डाॅ वीणा गौतम (दिल्ली), डाॅ पवन कुमार गुप्ता ‘तूफान’ (झांसी), प्रेरणा परमार ‘तृष्णा’ (मुरैना), डाॅ तनुजा कुशवाहा (झांसी), निमिशा गोस्वामी (जालौन), दिलीप कुमार श्रीवास्तव (मजफफरपुर), शिवम तोमर (इटावा), डाॅ मंजूलता आर्य (ग्वालियर), डाॅ पप्पूराम सहाय (झांसी), कमलेकर नागेश्वर राव (हैदराबाद), डाॅ अरविन्द द्विवेदी (वाराणसी), कामता प्रसाद प्रजापति (झांसी), डाॅ अनीता सचान (लखनऊ), इंजी. हरिप्रकाश गुप्ता (भिलाई) , डाॅ अमित शर्मा ‘महासमर’ (ग्वालियर), डाॅ रत्नेश गुप्ता (ग्वालियर), रमेश चन्द्र वाजपेयी (शिवपुरी), मेनिका साकेत (रीवा), नवीन कुमार (लखनऊ), डाॅ ज्योत्स्ना सिंह (ग्वालियर), डाॅ प्रतिभा त्रिवेदी (ग्वालियर), डाॅ रचना तिवारी (सोनभद्र), श्रीमन्नारायणचारी ‘विराट’ (निजामाबाद, तेलंगाना), संगीता गुप्ता (ग्वालियर), डाॅ आर्यावर्ती सरोज (लखनऊ), डाॅ निलीमा वर्मा (मुजफुरपुर, बिहार), दतिया से डाॅ अरविन्द श्रीवास्तव, डाॅ राज गोस्वामी , डाॅ हरिकृश्ण ‘हरि’, डाॅ राजू त्यागी , विराज सिंह तोमर , एस डी शर्मा , कमलकांत शर्मा , मनीराम शर्मा, पूरनचंद शर्मा , डाॅ हेमंत कुमार जैन , कल्पना उदैनिया और विनोद शर्मा (मोरवी, गुजरात), चित्रांश खरे (भोपाल), ललित व्यास पाण्डेय (भोपाल), अभय जैन (भोपाल), नीता सक्सैना (भोपाल), डाॅ मीनाक्षी दुवे (सीधी), आदि का काव्य पाठ हुआ और इन्हें सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान दिनेश श्रीवास्तव , आदित्य शर्मा , आषुतोष मिश्रा, निरंजन श्रोतिय, मनोज तिवारी , हरिहर समाधिया , डाॅ लोकेन्द्र सिंह नागर , डाॅ आर पी गुप्ता, विनोद मिश्रा, अभय गुप्ता , अवधेश योगी आदि समेत बड़ी संख्या में स्थानीय साहित्यकार उपस्थित रहे।
उद्घाटन समारोह का संचालन दतिया के लिट्ल फ्लावर स्कूल समूह के निदेशक सरदार मनिंदर सिंह ने किया।