मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस अभी भी बिट्स पिलानी के गोवा परिसर में एक छात्र की मौत का कारण बने ड्रग्स की आपूर्ति और इस्तेमाल की जाँच कर रही है। मुख्यमंत्री का यह बयान एसपी (दक्षिण) टीकम सिंह वर्मा द्वारा यह कहे जाने के ठीक बाद आया है कि प्रारंभिक जाँच के दौरान मृत छात्र के खून में नशीले पदार्थ पाए गए थे।
जब पत्रकारों ने सावंत से शैक्षणिक संस्थानों में ड्रग्स के प्रवेश को रोकने में सरकार की विफलता के बारे में पूछा, तो उनका संक्षिप्त जवाब था, “जांच जारी है।” विपक्षी दलों ने परिसरों में ड्रग्स की उपलब्धता पर अंकुश न लगाने के लिए सरकार को तुरंत दोषी ठहराया।
बेंगलुरु निवासी ऋषि नायर नामक छात्र 4 सितंबर को अपने छात्रावास के कमरे में मृत पाया गया था। नायर दिसंबर 2024 के बाद से परिसर में संदिग्ध परिस्थितियों में जान गंवाने वाले पाँचवें छात्र हैं।
आरजी विधायक वीरेश बोरकर ने राज्य में नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने में विफलता के लिए भाजपा और पुलिस को दोषी ठहराया। आप विधायक क्रूज़ सिल्वा ने कहा कि कॉलेजों सहित पूरे राज्य में ड्रग्स व्यापक रूप से उपलब्ध हैं। आप के प्रदेश अध्यक्ष अमित पालेकर ने सवाल उठाया कि प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में प्रतिबंधित पदार्थों को कैसे प्रवेश दिया गया। उन्होंने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों, खाद्य एवं औषधि प्रशासन और सावंत को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।