दिनांक: 18 सितम्बर, 2025: मुख्य सचिव ने दुर्गा पूजा के मद्देनज़र कानून व्यवस्था को लेकर की उच्च स्तरीय बैठक बिहार सरकार के मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत की अध्यक्षता में दुर्गा पूजा पर्व के सफल एवं शांतिपूर्ण आयोजन हेतु एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सभी जिलों के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, डीआईजी, आईजी ,प्रमंडलीय आयुक्त एवं रेलवे एसपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
बैठक में दुर्गा पूजा के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने, भीड़ प्रबंधन, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग, तथा संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विस्तार से चर्चा की गई और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
राज्य के सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों एवं पूजा पंडालों पर विशेष सतर्कता बरती जाएगी । पिछले वर्ष पूरे राज्य में लगभग 16,000 मूर्तियाँ स्थापित की गई थीं, इस वर्ष भी मूर्ति स्थापना से पूर्व आयोजक संस्था को अनिवार्य रूप से लाइसेंस लेना होगा। मूर्ति स्थापना स्थल का पूर्व निरीक्षण जिलाधिकारी एवं एसपी द्वारा किया जाएगा ताकि कोई भी सांप्रदायिक तनाव या हिंसा की आशंका न रहे। पुलिस बल की तैनाती, फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस एवं अन्य आवश्यक सेवाएं जनता की सुविधा के लिए उपलब्ध कराई जाएंगी। अधिकतम संख्या में हर पंडाल में कैमरे लगाए जाएंगे ताकि भीड़ पर नज़र रखी जा सके। हर पूजा पंडाल पर स्थानीय थाना अध्यक्ष के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात रहेगा, ताकि पूजा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके। डीजे की ध्वनि एवं संचालन पर नियंत्रण रहेगा, क्योंकि अनियंत्रित ध्वनि भी विवाद का कारण बन सकती है।
पुलिसकर्मियों को फुल बॉडी प्रोटेक्टर, नाइट विज़न डिवाइसेस एवं हेलमेट मुहैया कराए जाएंगे। सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट या टिप्पणियों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। यदि कोई भी आपत्तिजनक सामग्री सामने आती है तो थाने में तुरंत सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं।
हर जिले में शांति समिति की बैठक कराई जाएगी, जिसमें नए एवं युवा सदस्यों को शामिल किया जाएगा, ताकि समाज में शांति एवं भाईचारे का संदेश प्रसारित किया जा सके। हाल ही में नेपाल में हुई घटनाओं को देखते हुए नेपाल सीमा से लगे जिलों को विशेष रूप से सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं । मुख्य सचिव ने सभी प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे सजगता एवं संवेदनशीलता के साथ कार्य करें, ताकि दुर्गा पूजा का आयोजन राज्य में पूर्णतः शांतिपूर्ण, भव्य एवं सुरक्षित तरीके से संपन्न हो सके।
पिछले वर्षों में मूर्ति विसर्जन के दौरान मांस फेंकने अथवा छतों से पत्थरबाज़ी जैसी अप्रिय घटनाएँ हुई थीं, जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं। इस बार ऐसी घटनाओं से बचाव हेतु भौतिक सत्यापन किया जाएगा। विसर्जन के समय जिस समूह ने लाइसेंस लिया होगा उनके सदस्यों का होना आवश्यक होगा । मूर्ति विसर्जन के दौरान हर समूह की वीडियोग्राफी अनिवार्य रूप से होगी।
बैठक में डीजीपी श्री विनय कुमार, एडीजी श्री कुंदन कृष्णन एवं विशेष सचिव श्रीमती के. सुहिता अनुपम एवं अन्य पदाधिकारीगण मौजूद रहे l