मंजरी की खोजी रिपोर्ट
नई दिल्ली, 21 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 सितंबर, 2025 को गुजरात में रोड शो कर रहे थे और अन्य कार्यक्रमों में व्यस्त थे जबकि भारत सरकार की एम एस एम ई पत्रिका ने उनकी तस्वीर प्रकाशित कर लिखा है कि प्रधानमंत्री 20 सितंबर, 2025 को महाराष्ट्र के वर्धा में एक सरकारी कार्यक्रम में व्यस्त थे।
अब सवाल है कि किसे सही और किसे गलत माना जाए ? कहीं ऐसा तो नहीं कि प्रधानमंत्री दोनों राज्यों के दौरे पर थे और महाराष्ट्र की सूचना को सिर्फ एम एस एम ई पत्रिका ने उजागर किया !
इस संबंध में तथ्य बेहद दिलचस्प हैं। वास्तव में एम एस एम ई मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री जीतन राम मांझी के ही अधीन एक सरकारी संगठन है – विकास आयुक्त ( एम एस एम ई का कार्यालय )। इसने हाल ही में एक पत्रिका प्रकाशित की है जिसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और एम एस एम ई मंत्री के खिलाफ झूठे और भ्रामक तथ्य प्रकाशित किये गये हैं।

ऐतिहासिक भूल के लिए चर्चित इस पत्रिका को वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. रजनीश की देखरेख में वरिष्ठ आईईएस अधिकारी अश्विनी लाल एवं गौरव कटियार ने संपादित कर ” गलतियों का नवाचार ” प्रस्तुत किया है।
इसी का परिणाम है कि दिनांक 20 सितंबर, 2025 को प्रधानमंत्री को एम एस एम ई पत्रिका में गुजरात की जगह महाराष्ट्र के वर्धा में दिखाया जा रहा है ! इससे प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ – साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन प्रेस सूचना ब्यूरो की छवि प्रभावित हो रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रेस सूचना कार्यालय के अनुसार, दिनांक 20 सितंबर, 2025 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात में थे !

दरअसल यह बहुत बड़ी ग़लती है जिसे सरकारी अधिकारियों ने जानबूझकर किया है या अनजाने में किया है, यह जांच का विषय है। सूत्र बताते हैं कि जिन अधिकारियों ने ये गलतियां की हैं, उनके कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से नजदीकी संबंध रहे हैं और उनके खिलाफ पहले से अनेक आरोप रिकार्ड पर मौजूद हैं।
सूत्र यह भी बता रहे हैं कि अपनी ग़लती को स्वीकार करने की जगह संबंधित अधिकारी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्री की प्रतिष्ठा से खिलवाड़ कर रहे हैं और गलतियों पर पर्दा डालने के चक्कर में और भी बड़ी – बड़ी गलतियां कर रहे हैं। इन अधिकारियों के खिलाफ यह समाचार लिखे जाने तक न तो कोई कार्रवाई की गई है और न ही गलतियों का नया इतिहास रचने वाली पत्रिका को वापस लिया गया है !

पीआईबी के अनुसार, गुजरात में 20 सितंबर, 2025 को प्रधानमंत्री ने लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर की प्रगति की समीक्षा की। साथ ही प्रधानमंत्री ने भावनगर में ” समुद्र से समृद्धि ” कार्यक्रम को संबोधित किया। इसी क्रम में उनका ऐतिहासिक बयान भी सामने आया कि चिप हों या शिप, हमें उन्हें भारत में ही बनाना होगा।
हालांकि सौ रुपए मूल्य में बिक रही सरकारी एम एस एम ई पत्रिका के 2025 अंक के अनुसार, माननीय प्रधानमंत्री 20 सितंबर, 2025 को महाराष्ट्र के वर्धा में राष्ट्रीय पीएम विश्वकर्मा कार्यक्रम में शामिल थे ! इस संबंध में पत्रिका ने प्रधानमंत्री की उक्त कार्यक्रम की एक तस्वीर भी प्रकाशित कर पूरे प्रकरण को उलझा दिया है !