मंजरी की विशेष रिपोर्ट
नई दिल्ली, 15 नवंबर। भारत सरकार की 26 वर्ष चार माह 22 दिन की सेवा में संयुक्त निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए हरेन्द्र प्रताप सिंह के सम्मान में विश्व हिंदी साहित्य परिषद् की ओर से आयोजित हाइब्रिड कार्यक्रम में लेखक एवं लोकसभा के पूर्व निदेशक डॉ. रणबीर कुमार ने कहा कि श्री प्रताप अब अधिक समर्पण भाव से अपनी लेखनी से देश की सेवा कर सकेंगे।
म्यांमार से ऑनलाइन माध्यम से जुड़े कवि एवं लेखक डॉ. आशीष कंधवे, निदेशक, स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र, भारत सरकार ने कहा कि वर्तमान पक्षकारिता और पत्तलकारिता के युग में देश की पत्रकारिता को हरेन्द्र प्रताप के सशक्त नेतृत्व की आवश्यकता है।
पत्रकारिता, सरकारी सेवा और साहित्य में श्री प्रताप के योगदान की इस अवसर पर सराहना करते हुए बुद्धिजीवी गोपाल प्रसाद, मीडिया विशेषज्ञ नीरज कुमार सिंह, आधुनिक साहित्य पत्रिका की प्रबंध संपादक ममता गोयनका, हिंदी सेवी अभिषेक विश्वकर्मा एवं रिंकू सिंह और विशेष संवाददाता नीलांजन बनर्जी ने उनका अभिनंदन किया।

पत्रकारिता में अपनी पांचवीं पारी शुरू करने के अवसर पर परिषद् के शालीमार बाग स्थित मुख्यालय में उपस्थित लोगों ने श्री प्रताप को शुभकामनाएं दीं। सन् 1979 से सरकारी और गैर-सरकारी मीडिया के लगभग हर क्षेत्र में आधी सदी से लगातार सक्रिय योगदान करते हुए श्री प्रताप अब डिजिटल मीडिया में भी कदम रख चुके हैं।
गौरतलब है कि श्री प्रताप ने 1979 से भागलपुर में मीडिया में प्रवेश किया तथा प्रिंट और टेलीविजन समेत पत्रकारिता के हर क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। नवभारत टाइम्स, आकाशवाणी, दूरदर्शन और एम एस एम ई मंत्रालय की मासिक पत्रिका लघु उद्योग समाचार तथा भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् की साहित्यिक पत्रिका गगनांचल में उनका लंबा योगदान रहा। लघु उद्योग समाचार में वे मुख्य संपादक तथा गगनांचल में अतिथि संपादक भी रहे।
संघ लोक सेवा आयोग से 1999 में भारत सरकार की सेवा में पहुंचे श्री प्रताप पिछले 31 अक्टूबर को रिटायर हुए। कर्तव्य भवन स्थित सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की ओर से संयुक्त सचिव एवं उप महानिदेशक काजल जैन तथा निर्माण भवन स्थित एम एस एम ई के विकास आयुक्त कार्यालय की ओर से अपर विकास आयुक्त राकेश कुमार राय के नेतृत्व में उन्हें विदाई दी गई। इस अवसर पर ऑल इंडिया एम एस एम ई टेक्निकल आफिसर्स एसोसिएशन की ओर से भारतीय उद्यम विकास सेवा के अधिकारियों ने संयुक्त निदेशक आर. के. परमार के नेतृत्व में श्री प्रताप को विदाई दी।
पत्रकारिता और सरकारी सेवा के अपने लंबे कालखंड में श्री प्रताप हर तरह के लोगों के बीच लोकप्रिय रहे। वे 1992 में बिहार श्रमजीवी पत्रकार एसोसिएशन के महासचिव और 2024-2025 में आई ई डी एस कैडर के राष्ट्रीय एसोसिएशन के अध्यक्ष थे।








