उत्तर प्रदेश में ठंड बढ़ने के साथ ही वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। शुक्रवार, 21 नवंबर को प्रदेश के कई शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार 400 से ऊपर दर्ज किया गया। सुबह और शाम ही नहीं, अब दोपहर के समय भी हवा में धुंध और प्रदूषण की मोटी परत साफ दिखाई दे रही है। सूरज की रोशनी धुंधली पड़ रही है और हवा में मौजूद सूक्ष्म कण वातावरण से बाहर नहीं निकल पा रहे। विशेषज्ञों की मानें तो हालात अब नियंत्रण से बाहर होते दिख रहे हैं और लोगों के स्वास्थ्य के लिए यह बेहद गंभीर समय है।
गाजियाबाद सबसे प्रदूषित; लोनी में AQI 469
CPCB के आंकड़ों के मुताबिक गाजियाबाद का लोनी क्षेत्र शुक्रवार को देश के सबसे प्रदूषित इलाकों में शुमार रहा, जहां AQI 469 दर्ज किया गया—जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है और स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है।
जिले के अन्य हिस्सों में भी हालात चिंताजनक रहे:
संजय नगर: AQI 443
इंदिरापुरम: AQI 413
नोएडा में भी हवा बेहद खराब रही। सेक्टर-125 का AQI 437, सेक्टर-116 में 431 और सेक्टर-1 में 400 रिकॉर्ड किया गया।
ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 का AQI 433 तक पहुंच गया।
मेरठ, हापुड़, बागपत भी अलर्ट लेवल पर
दिल्ली–एनसीआर से सटे शहरों में हालात और बिगड़ रहे हैं।
मेरठ (पल्लवपुरम): AQI 424
हापुड़: AQI 417
बागपत: AQI 383
मौसम विभाग का कहना है कि आगामी दिनों में कोहरा और शीतलहर बढ़ेगी, जिससे हवा की गति धीमी होगी और प्रदूषण के कण वातावरण में और ज्यादा समय तक फंसे रहेंगे।
फिलहाल राहत की कोई उम्मीद नहीं
विशेषज्ञों के अनुसार, बारिश होने तक जहरीली हवा से राहत मिलना मुश्किल है। तब तक मास्क पहनना, अत्यधिक बाहर निकलने से बचना और एयर प्यूरीफायर जैसे उपाय ही सबसे प्रभावी सुरक्षा कदम साबित हो सकते हैं।







