India A vs Bangladesh A Super Over: एशिया कप राइजिंग स्टार्स 2025के सेमीफाइनल में भारत ए और बांग्लादेश ए के बीच दोहा के वेस्ट एंड पार्क इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया मुकाबला रोमांचक रहा। दोनों टीमों ने 20ओवर में 194/6रन बनाए, जिसके बाद मैच टाई हो गया और फैसला सुपर ओवर से हुआ। हालांकि, भारत ए सुपर ओवर में हार गया और टूर्नामेंट से बाहर हो गया। इस मैच में 14साल के युवा बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी ने मुख्य पारी में 15गेंदों पर 38रन बनाए, लेकिन सुपर ओवर में उन्हें बल्लेबाजी के लिए नहीं भेजा गया। इस फैसले पर फैंस ने काफी नाराजगी जताई, जबकि कप्तान जितेश शर्मा ने पोस्ट-मैच प्रेजेंटेशन में इसकी वजह बताई।
जब मैच टाई हुआ
बता दें, बांग्लादेश-ए टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20ओवर्स में 194रनों का स्कोर बनाया जिससे भारत ए को 195रनों का लक्ष्य मिला था। वैभव सूर्यवंशी ने टॉप ऑर्डर में तेज तर्रार बल्लेबाजी की और टीम को मजबूत शुरुआत दी। कप्तान जितेश शर्मा ने भी 22गेंदों पर 33रन बनाए, लेकिन 15वें ओवर में उनका विकेट गिरने से मैच का रुख बदला। पीछा करते हुए इंडिया-ए टीम भी 20ओवर्स में 194रनों का स्कोर बना पाई और आखिरकार, मैच टाई हो गया। जिसका फैसला सुपर ओवर में किया जाना था। लेकिन इस दौरान वैभव इस टूर्नामेंट में भारत ए के प्रमुख रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे, जिनका स्ट्राइक रेट 243.88का रहा।
सुपर ओवर में भारत की हार
सुपर ओवर में भारत ए ने पहले बल्लेबाजी की। कप्तान जितेश शर्मा पहले ही गेंद पर आउट हो गए, जब उन्होंने रैम्प शॉट खेलने की कोशिश की। अगली गेंद पर आशुतोष शर्मा भी गोल्डन डक पर आउट हो गए, एक्स्ट्रा कवर पर आसान कैच दे बैठे। रमनदीप सिंह तीसरे नंबर पर थे, लेकिन उन्हें खेलने का मौका ही नहीं मिला क्योंकि पारी दो गेंदों में खत्म हो गई और कोई रन नहीं बना। बांग्लादेश ए को जीत के लिए 1रन चाहिए था। उनकी तरफ से यासिर अली पहली गेंद पर आउट हुए, लेकिन भारत के सुयश शर्मा ने अगली गेंद वाइड फेंक दी। कीपर जितेश ने स्टंपिंग का मौका चूक गया और वाइड की वजह से बांग्लादेश ने मैच जीत लिया। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि सुपर ओवर में वैभव सूर्यवंशी को नहीं भेजा गया।
वैभव को क्यों नहीं भेजा?
सुपर ओवर में वैभव सूर्यवंशी और प्रियांश आर्य जैसे युवा बल्लेबाजों को डगआउट में ही रखा गया, जबकि जितेश, आशुतोष और रमनदीप को चुना गया। जितेश शर्मा ने इस फैसले पर कहा कि वैभव और प्रियांश पावरप्ले के मास्टर हैं, लेकिन डेथ ओवरों में आशुतोष, रमनदीप और खुद वे खिलाड़ी हैं जो हिट कर सकते हैं। उन्होंने बताया ‘टीम में वैभव और प्रियांश पावरप्ले के विशेषज्ञ हैं, जबकि डेथ ओवरों में आशु और रमन हिट करने में माहिर हैं। इसलिए सुपर ओवर का लाइनअप टीम का फैसला था और मैंने अंतिम कॉल लिया।’ जितेश ने हार की पूरी जिम्मेदारी ली और कहा ‘एक सीनियर के तौर पर मुझे मैच खत्म करना चाहिए था। यह हार नहीं, सीखने का मौका है। ये युवा खिलाड़ी कभी भारत के लिए वर्ल्ड कप जीत सकते हैं। उनकी प्रतिभा आसमान छू रही है। मेरा विकेट टर्निंग पॉइंट रहा।’






