Delivery Boy Problems: शून्यकाल के दौरान आम आदमी पार्टी (APP) सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा में डिलीवरी ब्वॉय की समस्याओं को लेकर चर्चा की। राघव चड्ढा ने कहा कि ऑर्डर देने के बाद 10 मिनट में सेवाएं देने वाले डिलीवरी ब्वॉय भारतीय अर्थव्यवस्था के एक अनदेखे पहिये हैं। इनकी खामोशी के पीछे रोजगार की जरूरत और उसे लेकर व्याप्त असुरक्षा इन्हें अपनी जान खतरे में डालने के लिए मजबूर करती है।
राज्यसभा में इस मुद्दा उठाते हुए चड्ढा ने कहा कि जोमैटो और स्विगी के डिलीवरी ब्वॉय, ओला व उबर के ड्राइवर, ब्लिंकिट एवं जैप्टो के राइडर और अर्बन कंपनी के प्लंबर या ब्यूटीशियन वैसे तो गिग वर्कर हैं, लेकिन वास्तव में ये लोग भारतीय अर्थव्यवस्था के अनदेखे पहिये में शामिल हैं।
दिहाड़ी मजदूरों से भी खराब हालत
APP संसद ने कहा कि लोगों की जिंदगी में अहम बदलाव लाने वाली ई कॉमर्स और इन्स्टा डिलीवरी कंपनियां इन ‘खामोश कार्यबल’ की बदौलत अरबों रुपये कमा रही है, लेकिन ये बदलाव लाने वाले और इन कंपनियों को अरबपति बनाने वाले कामगारों की हालत दिहाड़ी मजदूरों से भी बदतर होती नजर आ रही है।
डिलीवरी ब्वॉय को रहता जान का खतरा-APP संसद
आगे चड्ढा ने कहा कि तेज गति और आपूर्ति समय के दबाव की वजह से ये गिग वर्कर्स सोचता है कि अगर देर हुआ तो रेटिंग गिर जाएगी, प्रोत्साहन राशि कट जाएगा, ऐप लॉगआउट कर देगा या आईडी ब्लॉक कर देगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसी डर से वह लाल बत्ती को नजरअंदाज कर अपनी जान खतरे में डालते हुए जल्द से जल्द सामान पहुंचाने करने की कोशिश करता है।
सरकार को देना चाहिए इन पर ध्यान
इसके साथ ही APP संसद चड्ढा ने कहा कि ये लोग भी किसी के बेटे, भाई, पति और पिता होते हैं। इन पर इनके परिवार आश्रित होते हैं। सरकार को इन ‘गिग वर्कर्स’ की परेशानियों के बारे में सोचना चाहिए और कोई ऐसी नीति








