केंद्रीय बजट हर साल 1 फरवरी को पेश करने की परंपरा 2017 से चली आ रही है, ताकि नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत 1 अप्रैल से पहले बजट को संसद से मंजूरी मिल सके। इस बार 1 फरवरी 2026 रविवार पड़ रहा है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या बजट उसी दिन पेश होगा या इसे सोमवार, 2 फरवरी तक टाल दिया जाएगा। संकेत यही हैं कि परंपरा को देखते हुए बजट रविवार को ही आ सकता है।
रिपोर्ट क्या कहती है
Press Trust of India (PTI) की रिपोर्ट के मुताबिक, संसदीय परंपराओं का पालन किया गया तो वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman रविवार को ही वित्त वर्ष 2026-27 का आम बजट पेश कर सकती हैं। अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि 1 फरवरी की तारीख इसलिए तय की गई थी ताकि बजट को समय रहते संसद से पास कराकर 1 अप्रैल से लागू किया जा सके।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का बयान
संसदीय कार्य मंत्री Kiren Rijiju ने कहा कि संसद की बैठक और बजट पेश करने जैसे फैसले समय पर कैबिनेट कमेटी ऑन पार्लियामेंट्री अफेयर्स द्वारा लिए जाते हैं। PTI के अनुसार, 2017 से पहले आम बजट फरवरी के आखिरी दिन पेश होता था और वित्तीय वर्ष की शुरुआती जरूरतों के लिए वोट ऑन अकाउंट पारित किया जाता था।
2017 में बदली थी बजट की तारीख
2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री Arun Jaitley ने बजट को 1 फरवरी को पेश करने की परंपरा शुरू की थी। उद्देश्य यह था कि मार्च के अंत तक बजट को संसद से पास कराकर नई योजनाओं और खर्चों को नए वित्तीय वर्ष के पहले दिन से लागू किया जा सके।
क्या पहले भी रविवार को संसद बैठी है?
PTI के मुताबिक, विशेष परिस्थितियों में संसद रविवार को भी बैठ चुकी है। उदाहरण के तौर पर 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान और 13 मई 2012 को संसद के पहले सत्र की 60वीं वर्षगांठ पर रविवार को बैठक हुई थी। इन्हीं मिसालों के आधार पर यह संभावना मजबूत मानी जा रही है कि 1 फरवरी 2026, रविवार को ही केंद्रीय बजट पेश किया जा सकता है।
क्यों अहम है रविवार को बजट पेश होना
सरकार के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि बजट 1 अप्रैल से पहले लागू हो, ताकि योजनाओं और खर्चों के लिए फंड समय पर उपलब्ध रहें। ऐसे में रविवार को बजट पेश करना न सिर्फ परंपरा के अनुरूप होगा, बल्कि नीति-निर्माण और कारोबार—दोनों के लिए स्पष्टता भी देगा।












