हरेन्द्र प्रताप की विशेष रिपोर्ट
नई दिल्ली, 30 दिसंबर। भारत सरकार हो या राज्य सरकार, आर टी आई यानि सूचना का अधिकार अधिनियम प्रशासन की गले की हड्डी तब बन जाता है जब इसमें ऐसी सूचनाएं मांगी जाती है जिसे सार्वजनिक रूप से उपलब्ध करने में सरकार को बड़ी कठिनाई होती है। ऐसा ही एक मामला वर्ष 2025 के अंतिम महीने में दिल्ली सरकार के अधीन डी टी सी यानि दिल्ली परिवहन निगम में देखने को मिला है। सूचना मांगने वाले ने महिलाओं को डी टी सी द्वारा दी जा रही मुफ्त यात्रा सुविधा से संबंधित सामान्य सी सूचना मांगी है लेकिन आवश्यक सूचना नहीं देकर अजीबोगरीब उत्तर दिया गया है जिससे यह पता चलता है कि दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग आर टी आई यानि एक संवैधानिक व्यवस्था के प्रति कितना लापरवाह है !

दिल्ली परिवहन निगम द्वारा स्पीड पोस्ट से प्रेषित पत्र को हूबहू यहां प्रस्तुत किया गया है ताकि जानबूझकर की गई लापरवाही को सभी जान सकें।
दिलचस्प तथ्य यह है कि इस आर टी आई आवेदन पत्र में डी टी सी से उसकी लापरवाही का प्रमाण नहीं मांगा गया था लेकिन बिना मांगे डी टी सी ने अपनी लापरवाही का प्रमाण भी आवेदक को दे दिया।
यह स्वाभाविक है कि यह मामला अभी प्रथम अपील और फिर द्वितीय अपील में जा सकता है। यदि ऐसा हुआ तो अपील का परिणाम जानना भी दिलचस्प हो सकता है।






