नयी दिल्ली 07 फरवरी (कड़वा सत्य) भारतीय जनता पार्टी के सांसद लहर सिंह सिरोया ने बुधवार को कहा कि जंतर-मंतर पर धन आवंटन को लेकर केंद्र के खिलाफ कर्नाटक कांग्रेस नेताओं का विरोध प्रदर्शन एक ‘दिखावा’ है क्योंकि उनके यहां आने का कारण नेतृत्व का अनसुलझा मुद्दा है।
श्री सिरोया ने यहां संवाददाताओं से कहा,“कांग्रेस भ्रष्टाचार में लिप्त है और प्रशासन ठीक से नहीं चला पा रही है। वे आंतरिक विवादों के कारण यहां आए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री बनना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका।”
गौरतलब है कि श्री सिद्दारमैया राज्य को धन लौटाने के मामले में केंद्र सरकार के कथित सौतेले व्यवहार के विरोध में आज जंतर-मंतर पर कर्नाटक कांग्रेस की ओर से आयोजित ‘दिल्ली चलो’ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया।
उन्होंने कहा,“आंतरिक कलह के कारण श्री शिवकुमार पार्टी नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ यहां आए हैं क्योंकि वह मुख्यमंत्री नहीं बन सके। उनकी अंदरूनी लड़ाई है और हमारे खिलाफ उनकी कोई लड़ाई नहीं है। लेकिन वे इसका दोष हम पर मढ़ना चाहते हैं।”
श्री सिरोया ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता अपने कुशासन को छुपाने के लिए दिल्ली आए हैं जो पागलपन भरी गारंटी योजनाओं का परिणाम है। उन्होंने कहा,“मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार का आधिकारिक बयान आया है कि सरकार पर 58,000 करोड़ रुपये का जो बोझ है, उसे कैसे प्रबंधित किया जाएगा? इसलिए चिंता है।”
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता बीआर पाटिल ने भी इस्तीफा देने की धमकी दी थी क्योंकि उनके निर्वाचन क्षेत्र को विकास के लिए धन नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा,“उनकी सरकार में जो हताशा व्याप्त है, उसी के कारण वे कर्नाटक में कुशासन को कवर करने के लिए यहां आए हैं।”
कर्नाटक भाजपा के एक अन्य नेता पीसी मोहन ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने एक दशक में कर्नाटक की फंडिंग में 240 प्रतिशत की बढ़ोतरी की, यूपीए के तहत 81,000 करोड़ रुपये से एनडीए के तहत 2.82 लाख करोड़ रुपये हो गई। उन्होंने कहा,“कांग्रेस पार्टी का ‘दिल्ली चलो’ राज्य कल्याण पर स्व-हित को प्राथमिकता देता है।”
संजय