नयी दिल्ली 11 फ़रवरी (कड़वा सत्य) साहित्य अकादमी ने हिंदी और मैथिली की प्रख्यात कथाकार कवयित्री, नाटककार और लेखिका उषाकिरण खान के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने रविवार को यहां एक शोक संदेश में कहा गया है कि प्राचीन और आधुनिक कालखंड के जनजीवन एवं संस्कृति के उत्थान-पतन की गाथा को ऐतिहासिक दृष्टि से प्रस्तुत करने वाली उषाकिरण खान के व्यक्तित्व पर अपने स्वतंत्रता सेनानी गाँधीवादी पिता के संस्कारों का गहरा प्रभाव पड़ा। उन्हें हजारी प्रसाद द्विवेदी और नागार्जुन जैसे साहित्यकारों का स्नेह और सान्निध्य प्राप्त हुआ। उन्होंने संस्कृत, पाली, अंग्रेजी, मैथिली एवं हिंदी के प्राचीन साहित्य का गहन अध्ययन किया। वह बी.डी. कॉलेज पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास और पुरातत्त्व विभाग की अध्यक्ष रहीं।