Satyam College of Education: 20 जून 2025 को Satyam College of Education में एक ऐसा ऐतिहासिक आयोजन हुआ, जिसने देश-विदेश के शिक्षाविदों और शोधार्थियों का ध्यान खींच लिया। कॉलेज के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) के तत्वावधान में आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का विषय था – “Academic Integrity and AI: Challenges and Opportunities in Higher Education”। सम्मेलन ने यह दिखा दिया कि तकनीक और नैतिकता के बीच संतुलन बनाना आज की शिक्षा व्यवस्था की सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है।
सुबह होते ही Satyam College का प्रांगण देश-विदेश से आए शिक्षाविदों, शोधार्थियों और छात्रों से गुलजार हो उठा। इस भव्य आयोजन की शुरुआत कॉलेज की प्राचार्य डॉ. बिनिता अग्रवाल के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने सम्मेलन के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला और सभी अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया।
जब मंच पर जुटे देश-विदेश के विद्वान
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे प्रोफेसर डॉ. अमरेन्द्र बहेरा, संयुक्त निदेशक, CIET, NCERT। उन्होंने अपने गहन विचारों से श्रोताओं को बांधे रखा और बताया कि कैसे AI शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है, लेकिन इसके साथ नैतिकता और शैक्षणिक ईमानदारी को बनाए रखना सबसे अहम है।
इसके बाद सम्मेलन की शान बढ़ाई डॉ. ओबेही सुले, वरिष्ठ व्याख्याता और अकादमिक डेवलपर, Anglia Ruskin University, UK ने। अपने Keynote Address में उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों में AI के संतुलित और नैतिक उपयोग की ज़रूरत पर जोर दिया और शिक्षकों को नई तकनीकों के प्रति सजग रहने की सलाह दी। वहीं डॉ. आर. सी. शर्मा, ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग के दिग्गज ने AI के ज़रिए डिजिटल शिक्षा के विस्तार और शैक्षिक समानता की दिशा में कई रोचक तथ्य सामने रखे।
तकनीकी सत्र में उठे AI और नैतिकता पर बड़े सवाल
सम्मेलन का माहौल उस वक्त और भी ज्ञानवर्धक हो गया, जब दो समानांतर तकनीकी सत्र शुरू हुए। इन सत्रों की अध्यक्षता डॉ. समीर बाबू एम. और श्री मृणाल सिन्हा ने की। सत्रों में शोधकर्ताओं ने AI से जुड़ी नैतिक चुनौतियों, शिक्षण पद्धतियों में इसके असर और नीतिगत सुझावों पर अपने शोधपत्र पेश किए। प्रतिभागियों की जिज्ञासाएं और सवाल-जवाब ने इन सत्रों को बेहद इंटरैक्टिव बना दिया।
समापन सत्र में छलका गर्व और आभार
सम्मेलन का समापन भी उतना ही यादगार रहा। समापन सत्र में डॉ. ओबेही सुले ने पूरे आयोजन की उपलब्धियों को रेखांकित किया और भागीदारों को उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया। डॉ. समीर बाबू एम. और श्री मृणाल सिन्हा ने अपनी समापन टिप्पणी में इस आयोजन को उच्च शिक्षा के लिए एक मील का पत्थर बताया। अंत में Ms. Preeti Goel, हेड-इंडस्ट्री और IQAC कोऑर्डिनेटर ने सभी मुख्य वक्ताओं, प्रतिभागियों, आयोजकों और तकनीकी सहयोगियों का हार्दिक आभार व्यक्त किया।
Satyam College of Education का यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केवल एक आयोजन नहीं था, बल्कि यह उच्च शिक्षा में तकनीक और नैतिकता के संगम की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इसने न केवल विचारों का आदान-प्रदान कराया, बल्कि शोध, सहयोग और नवाचार के नए रास्ते भी खोले।