America China Trade Deal: अमेरिका और चीन ने लंबे समय से जारी व्यापार युद्ध को विराम देने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 90 दिनों की ट्रेड डील की है, जो 14 मई से लागू हो जाएगी। इस डील के तहत दोनों देश अगले तीन महीने तक नए टैरिफ नहीं लगाएंगे और मौजूदा शुल्क दरों में भारी कटौती की जाएगी।
टैरिफ कटौती की नई दरें: अमेरिका 145% से 30%, चीन 125% से 10%
- अमेरिका द्वारा चीन पर लगाया गया 145% टैरिफ अब घटकर 30% पर आ जाएगा।
- चीन का अमेरिका से आयातित वस्तुओं पर टैरिफ 125% से घटकर 10% हो जाएगा।
- इस समझौते की शुरुआत स्विट्जरलैंड में हुई गोपनीय वार्ता से हुई थी।
खनिजों का निर्यात फिर शुरू करेगा चीन, लेकिन अमेरिका बना सख्त
चीन ने जो खनिजों का निर्यात रोका था, वह अब फिर से शुरू करेगा, जिससे अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को राहत मिल सकती है। लेकिन अमेरिका ने जिन चाइनीज सामानों पर आयात बैन लगाया था, उसमें किसी तरह की ढील नहीं दी गई है।
90 दिन बाद क्या होगा?
अगर 90 दिनों के भीतर कोई नया समझौता नहीं हुआ तो:
- अमेरिका का टैरिफ फिर बढ़कर 54% हो सकता है।
- चीन का टैरिफ 34% तक पहुंच सकता है।
- लेकिन ‘लिबरेशन डे’ के बाद घोषित ज्यादातर टैरिफ कैंसल कर दिए गए हैं, जिससे दीर्घकालिक राहत की उम्मीद बनी हुई है।
यूके समेत कई देशों को झटका!
इस डील से ब्रिटेन, यूरोपीय यूनियन और जापान जैसे देशों को झटका लगा है, जो दोनों देशों के बीच व्यापारिक विवाद का लाभ उठाना चाह रहे थे। अब जब अमेरिका और चीन के रिश्तों में नरमी आई है, वैश्विक सप्लाई चेन का रुख फिर इन दो महाशक्तियों की ओर मुड़ सकता है।
ट्रेड बैलेंस: कौन जीत रहा है?
2024 में चीन को अमेरिका से सबसे ज्यादा सोयाबीन निर्यात किया गया, जिसका उपयोग चीन में सुअरों के चारे में होता है।
- अमेरिका चीन को एयरक्राफ्ट इंजन, दवाएं और पेट्रोलियम निर्यात करता है।
- वहीं वह चीन से स्मार्टफोन, लैपटॉप, बैटरी, खिलौने और टेलीकॉम उपकरण आयात करता है।
- ट्रेड वॉर में फिलहाल कोई स्पष्ट विजेता नहीं है, लेकिन जानकारों के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप की सख्ती में नरमी का यह पहला बड़ा संकेत माना जा रहा है।
विश्लेषण: किसने मानी हार, किसने मारी बाज़ी?
- राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि:
- ट्रंप के झुकने की चर्चा जरूर है, लेकिन अमेरिका ने आयात बैन जैसे ठोस फैसले वापस नहीं लिए।
- वहीं चीन ने अपने कुछ कदम पीछे खींचे हैं, जिससे सहयोग का माहौल बना है।
- अगले 90 दिन दोनों देशों के रिश्तों और वैश्विक व्यापार की दिशा तय करेंगे।
अमेरिका और चीन के बीच यह 90-दिन की डील सिर्फ टैरिफ में राहत नहीं, बल्कि विश्व व्यापार की स्थिरता के लिए उम्मीद की एक किरण है। लेकिन असली तस्वीर तो तीन महीने बाद सामने आएगी—जब यह साफ होगा कि यह सिर्फ एक टेक्निकल ब्रेक था या ट्रेड वॉर का अंत।