महाराष्ट्र के अमरावती जिले से सोमवार (27 अक्टूबर) को प्रहार जनशक्ति पार्टी (PHJSP) के प्रमुख और पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने किसानों के हक में एक बड़ा आंदोलन शुरू किया है. उन्होंने किसानों के लिए पूर्ण कर्जमाफी, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी और NAFED (राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ) के माध्यम से सोयाबीन की सरकारी खरीद की मांग को लेकर विशाल ट्रैक्टर मार्च निकाला. यह मार्च अमरावती से नागपुर तक जाएगा और किसानों की आवाज सरकार तक पहुंचाने का लक्ष्य रखता है.
इस आंदोलन को ‘महा एल्गार मोर्चा’ नाम दिया गया है. बच्चू कडू के नेतृत्व में लाखों किसान सड़कों पर उतर आए हैं. उन्होंने साफ कहा है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, वे नागपुर में विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कडू ने चेतावनी दी- ‘अगर सरकार ने किसानों की बात नहीं सुनी, तो महाराष्ट्र बंद की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.’ तो चलिए जानते हैं बच्चू कडू के बारे में, जिन्होंने लाखों किसानों के साथ महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है?
कौन हैं बच्चू कडू?
बच्चू कडू का असली नाम ओमप्रकाश बाबाराव कडू है. उनका जन्म 5 जुलाई 1970 को हुआ. वे प्रहार जनशक्ति पार्टी (PHJSP) के संस्थापक और महाराष्ट्र के अचलपुर विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रह चुके हैं. किसान और दिव्यांगों के मुद्दों पर लड़ने वाले आंदोलनकारी नेता के रूप में उनकी छवि है. उन्होंने 1999 में प्रहार युवाशक्ति संगठन के तहत अपनी पार्टी की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य किसानों और पिछड़े वर्गों के हितों की रक्षा करना है.
बच्चू कडू ने 2004 से 2019 तक लगातार चार बार अचलपुर से जीत दर्ज की और दिसंबर 2019 से जून 2022 तक उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाड़ी (MVA) सरकार में राज्य मंत्री रहे. उस दौरान उन्होंने जल संसाधन, शिक्षा, महिला-बाल विकास, पिछड़ा वर्ग कल्याण जैसे कई विभागों की जिम्मेदारी संभाली. बाद में, वे एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में दिव्यांग मंत्रालय के अध्यक्ष बने और अकोला जिले के संरक्षक मंत्री भी रहे.
विवादों से भी रहा नाता
बच्चू कडू का राजनीतिक जीवन जितना सक्रिय रहा है, उतना ही विवादों से भी घिरा रहा है. 2016 में मंत्रालय के एक अधिकारी से कथित मारपीट के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था. 2023 में उन्होंने बयान दिया था कि ‘आवारा कुत्तों को असम भेज दिया जाए ताकि उन्हें खाया जा सके’, जिस पर विवाद हुआ. हाल ही में अक्टूबर 2025 में उन्होंने किसानों से कहा कि ‘आत्महत्या करने के बजाय विधायक को काटो’, जिसके बाद उनके खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप लगा.
किसानों की लड़ाई का नया चेहरा
बच्चू कडू का यह ट्रैक्टर मार्च महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर किसानों के मुद्दों को केंद्र में लेकर आया है. उनके समर्थक साफ कह रहे हैं कि जब तक किसानों की कर्जमाफी, एमएसपी की गारंटी और फसल खरीद पर ठोस कदम नहीं उठाए जाते, आंदोलन जारी रहेगा. यह मार्च सिर्फ एक विरोध नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के किसानों की आवाज बन चुका है- जो अपने हक के लिए अब पीछे हटने को तैयार नहीं.






