Corruption Prevention Bihar 2025: सूचना भवन के संवाद कक्ष में गुरुवार को निगरानी विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अरविन्द कुमार चौधरी ने प्रशासी विभागों के मुख्य निगरानी पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान राज्य में क्रियान्वित योजनाओं के संबंध में प्राप्त शिकायतों की जांच और औचक निरीक्षण में तेजी लाने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि सभी योजनाओं में भ्रष्टाचार के मामलों की शिकायत मिलने पर तत्परता से उसकी जाँच की जाए। इसके साथ ही उन्होंने योजनाओं के संबंध में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने पर भी जोर दिया।
अपर मुख्य सचिव ने मुख्य निगरानी पदाधिकारियों के साथ हुई विगत बैठक में लिए गये निर्णयों की भी समीक्षा की। साथ ही निगरानी विभाग के स्तर से प्रशासी विभागों को भेजी गई ऑनलाइन परिवादों की जाँच प्रतिवेदन की स्थिति के अलावे अभियोजन स्वीकृति के लंबित मामलों की भी समीक्षा की गयी।
समीक्षा के दौरान उन्होंने पाया कि शिक्षा विभाग में सर्वाधिक 336 मामले लंबित हैं। उन्होंने इन सभी मामलों को अगले दो महीने के अंदर निष्पादित करने का निर्देश दिया। इस समीक्षा बैठक में नगर विकास एवं आवास विभाग के 160, स्वास्थ्य विभाग के 142, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के 82, परिवहन विभाग के 62, ग्रामीण विकास विभाग के 78, पंचायती राज विभाग के 61, गृह विभाग के 79 और सामान्य प्रशासन विभाग के 25 मामलों को भी महीने भर के अंदर निष्पादित करने का निर्देश जारी किया है।
विशेष निगरानी इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक पंकज कुमार दाराद ने कहा कि हम सब एक टीम के तौर पर कार्य कर रहे हैं लिहाजा जहां हमारी जरूरत होगी, वहां सहयोग के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।
बैठक के दौरान NIC द्वारा विकसित निगरानी विभाग के पोर्टल के संबंध में भी संयुक्त निदेशक, NIC, Patna द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
इस समीक्षा बैठक में निगरानी विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अरविंद कुमार चौधरी के साथ विशेष निगरानी इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक पंकज कुमार दाराद, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की पुलिस महानिरीक्षक, श्रीमती एस० प्रेमलता निगरानी विभाग के संयुक्त सचिव श्री रामा शंकर, संयुक्त सचिव (विधि) श्रीमती अंजू सिंह, तकनीकी परीक्षक कोषांग के अभियंता प्रमुख (प्र०), श्री राज कुमार इसके अलावा श्री विनय कुमार, पुलिस महानिरीक्षक, बिहार पुलिस मुख्यालय एवं श्रीमती रचना पाटिल, विशेष सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग सहित अन्य विभागों के मुख्य निगरानी पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।