हरेन्द्र प्रताप
वर्ष 2026 बहुत सारी उम्मीदों को लेकर आया है। यह वर्ष विकास की दृष्टि से बिहार समेत अनेक राज्यों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। बिहार में एन. डी. ए. का फिर से सत्तारूढ़ होना और भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बिहार से होना राज्य के राजनीतिक और औद्योगिक विकास के लिए अति महत्वपूर्ण है। इस समय बिहार के हर जिले को उद्योग चाहिए और हर नौजवान बिहारी को रोजगार चाहिए। यह कैसे संभव है ? सन् 2026 में कोई चमत्कार हो सकता है ? आइए, इसकी पड़ताल करते हैं।
बिहार के नाम में ही बहुत कुछ छुपा हुआ है ! प्राचीन शब्द विहार आज भी रोजगार का खज़ाना है ! विहार शब्द के अंदर पर्यटन से जुड़े असंख्य रोजगार अंतर्निहित हैं। आधुनिक शब्द बिहार परिश्रम का पर्याय है। हर बिहारी के अंदर हर क्षेत्र में कठिन श्रम करने की अद्भुत क्षमता है जो अन्य राज्यों में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी विरले नज़र आती है।
बिहारी अपनी धुन के पक्के होते हैं। इसलिए ऐसे लोगों के लिए आज की तारीख में बिहार के अंदर एम एस एम ई क्षेत्र में विपुल संभावनाएं हैं। आधारभूत संरचना का निर्माण क्षेत्र, शैक्षणिक क्षेत्र और खेल का क्षेत्र बिहार का एक से पांच साल के अंदर कायापलट सकता है। मतलब यह कि पर्यटन, एम एस एम ई, आधारभूत संरचना निर्माण, शिक्षा और खेल के ये पांच क्षेत्र बिहार में लाखों की संख्या में रोजगार पैदा करने और राज्य को विकसित भारत की राष्ट्रीय गति में शामिल कराने की क्षमता रखते हैं।
यह सुखद संयोग है कि विकास पुरुष नीतीश कुमार फिर से बिहार के मुख्यमंत्री हैं। भारतीय जनता पार्टी के तेज तर्रार नये राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन बिहार से हैं। केंद्र सरकार में बिहार के वरिष्ठ नेता जीतन राम मांझी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम यानि एम एस एम ई मंत्री हैं। बिहार के सदाबहार नेता गिरिराज सिंह केंद्र में वस्त्र मंत्री हैं। बिहार में युवाओं के नये चहेते चिराग पासवान केंद्र में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हैं। बिहारी राजनीति के चाणक्य राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह केंद्र में ही पंचायतीराज के साथ – साथ पशुपालन, मत्स्य एवं डेयरी से जुड़े विभागों के मंत्री हैं। केंद्र की नौकरशाही में भी अनेक प्रमुख बिहारी हैं जो बिहार की तरक्की चाहते हैं। इसलिए बिहार के सर्वांगीण विकास के लिए यह सुनहरा अवसर है। अभी नहीं तो कभी नहीं की परिस्थिति को भांपते हुए और उसका महत्व समझते हुए नीति – निर्माताओं को विकास के मॉडल का प्रोजेक्ट बना कर बिहार में दिन – रात एक कर समर्पित भाव से मेहनत करने की आवश्यकता है। भ्रष्टाचार, भाई – भतीजावाद तथा भेदभाव के दुर्गुणों पर नियंत्रण रखने में यदि राज्य और केंद्र सरकार सफल हो गयी तो वर्ष 2026 में बिहार को तेज गति से तयशुदा समय में आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है।
ऐतिहासिक और भौगोलिक रूप से बिहार के लगभग हर जिले में पर्यटन को सुव्यवस्थित और सुविकसित करने की भरपूर संभावनाएं हैं। राज्य का हर जिला खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए विपुल संभावनाओं से लैस है। नया बिहार हर जिले में आधारभूत संरचना के विकास की नई गाथा लिख रहा है। शहर के अंदर – बाहर सड़क मार्ग को आधुनिक रूप दिया जा रहा है। उत्तर बिहार से लेकर दक्षिण बिहार और पश्चिम बिहार से लेकर पूर्व बिहार तक हवाई सेवा के विकास को लेकर भी आधारभूत संरचना विकसित और आधुनिक की जा रही है। पटना में मेट्रो विकास की पटरी पर दौड़ चुकी है। जल्दी ही यह व्यापक रूप लेने के लिए आगे बढ़ रही है। लेकिन मेट्रो ट्रेन को बिहार के अन्य बड़े शहर गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर इत्यादि में भी शीघ्र आरंभ किये जाने की आवश्यकता है।
एम एस एम ई के क्षेत्र में रोजगार को तेजी से बढ़ाने के लिए जिलावार एम एस एम ई कोरिडोर विकसित करने की आवश्यकता है जो राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
कुछेक अन्य उपाय हैं जो बिहार का खोया हुआ सम्मान तो लौटा ही सकते हैं, स्थाई तौर पर बड़ी संख्या में रोजगार के अन्य क्षेत्रों को भी खोल सकते हैं। इसके लिए कुछेक ठोस और दीर्घकालिक उपाय की भी आवश्यकता है। उदाहरण के लिए बिहार में दो विशिष्ट विश्वविद्यालयों की आवश्यकता है। एक, एम एस एम ई विश्वविद्यालय और दूसरा, मीडिया एवं फिल्म विश्वविद्यालय राज्य में उद्योग तथा जनसंचार के क्षेत्रों में दीर्घकालिक विकास की नींव तैयार कर सकता है। राज्य में खेल विश्वविद्यालय तो बन चुका है लेकिन अब बिहार को खिलाड़ी के साथ – साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़े खेल आयोजनों की मेजबानी चाहिए और इसके लिए जरूरी है कि बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में विश्व स्तरीय खेल सुविधाओं तथा उन्नत स्टेडियमों का एक विशाल नेटवर्क तेजी से बिछाया जाए। एम एस एम ई विश्वविद्यालय की योजना उद्यम के हर क्षेत्र में भावी इंजीनियर एवं कुशल कारीगर तैयार करने के साथ – साथ हर जिले के लिए औद्योगिक विकास के रोडमैप के अनुरूप औद्योगिक विकास में परस्पर सहयोग कर सकती है तथा विकसित बिहार एवं विकसित बिहारी के सपने को साकार कर सकती है।
इसी तरह बिहार की एक और पारंपरिक सुदृढ व्यवस्था रही है स्तरीय शैक्षणिक परिवेश की। इसे भी एक नये नेटवर्क की तरह हर जिले से लेकर हर पंचायत तक में विकसित करने की आवश्यकता है। यह योजना अगले हजार साल के बिहार के विकास की रूपरेखा तैयार कर सकती है ताकि न सिर्फ बिहार बल्कि अन्य राज्यों और पड़ोसी देशों के विद्यार्थी फिर से लाभान्वित हो सकें।
नये साल के ठीक पहले भारत जापान को पीछे छोड़ते हुए विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। इससे उत्साहित होकर बिहार नववर्ष में विकास के पंचतत्व सदृश पांच क्षेत्र पर्यटन, एम एस एम ई, आधारभूत संरचना निर्माण, शिक्षा और खेल के सम्पूर्ण विकास के लिए केंद्र और राज्य की सरकारों तथा निजी क्षेत्र के महत्वाकांक्षी उद्यमियों की ओर से ईमानदार एवं प्रभावी पहल की प्रतीक्षा कर रहा है ताकि वह अपने देश में अपनी अर्थव्यवस्था को अपेक्षित रूप से सुधार सके। वर्ष 2026 इसी उद्देश्य से राज्य में विकास की नई दस्तक दे रहा है।









