पटना, 06 मार्च 2025 – बिहार के निदेशक मत्स्य ने आज विकास भवन, पटना स्थित अपने कार्यालय कक्ष में औरंगाबाद जिले के अंतर्गत संचालित राज्य एवं केंद्र प्रायोजित मत्स्य योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक की। बैठक के दौरान 2022 से लेकर वर्तमान वित्तीय वर्ष तक की योजनाओं की प्रगति का गहन विश्लेषण किया गया। इस समीक्षा में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना सहित अन्य योजनाओं की उपलब्धियों एवं चुनौतियों पर चर्चा की गई।
समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के कई घटकों में निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप राशि का व्यय नहीं हो पाया है। इस पर निदेशक महोदय ने संबंधित अधिकारियों को कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि नया तालाब निर्माण एवं रियरिंग तालाब निर्माण कार्यों को निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा किया जाए ताकि लाभार्थियों को अनुदान की विमुक्ति का कार्य सुनिश्चित हो सके।
बैठक में कार्यों की उपलब्धियों का भी विश्लेषण किया गया। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत औरंगाबाद जिले में अब तक 21.55 हेक्टेयर क्षेत्र में तालाब निर्माण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा संचालित सात-निश्चय-2 योजना के तहत पठारी क्षेत्रों में तालाब निर्माण आधारित मत्स्य पालन योजना के अंतर्गत 12 एकड़ क्षेत्र में निर्माण कार्य पूरा किया गया है। इन उपलब्धियों के बावजूद अभी भी लक्ष्य को शत-प्रतिशत हासिल करने की दिशा में अधिक प्रयास करने की आवश्यकता जताई गई।
उन्होंने जिला मत्स्य पदाधिकारी को निर्देश दिया कि वे प्राप्त लक्ष्यों के अनुरूप आवेदन सृजित करें और जिला स्तरीय समिति के माध्यम से लाभार्थियों का चयन कर शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कार्यादेश जारी करें। साथ ही, उन्होंने सुनिश्चित करने को कहा कि योजनाओं के कार्यान्वयन की उपलब्धि तय समय-सीमा के भीतर पूरी हो।
मत्स्य पालन क्षेत्र में औरंगाबाद जिले की इस प्रगति को और गति देने के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए, ताकि सरकार की इन योजनाओं का अधिकतम लाभ मछुआरों एवं मत्स्य किसानों को मिल सके।
इस महत्वपूर्ण बैठक में जिला मत्स्य पदाधिकारी, औरंगाबाद, उप निदेशक (राज्य परियोजना इकाई), मत्स्य प्रसार पदाधिकारी, मत्स्य विकास पदाधिकारी और परियोजना समन्वयक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।