Talab Matsyiki Yojana Bihar 2025: राज्य सरकार द्वारा मत्स्य पालन को एक संगठित, समृद्ध और आत्मनिर्भर उद्यम के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से चलाई जा रही “तालाब मत्स्यिकी विशेष सहायता योजना” बिहार के मत्स्य कृषकों के लिए एक बड़ी सौगात साबित हो रही है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग अंतर्गत निदेशालय मत्स्य द्वारा इस योजना का क्रियान्वयन राज्य भर में किया जा रहा है।
इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अत्यंत पिछड़े वर्ग के मत्स्य कृषकों को विशेष सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इसमें रियरिंग तालाब का निर्माण, बोरिंग, पंपसेट/समरसिबल पंप की स्थापना, शेड निर्माण, यांत्रिक एरेटर, मत्स्य इनपुट इत्यादि को शामिल कर “पैकेज सहायता” स्वरूप में अनुदान प्रदान किया जा रहा है।
राज्य के चयनित लाभार्थी मत्स्य कृषकों को प्रति एकड़ जलक्षेत्र की निर्धारित इकाई लागत ₹10.10 लाख के विरुद्ध 70 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जा रही है। शेष 30 प्रतिशत राशि लाभार्थी द्वारा स्वयं अथवा बैंक ऋण के माध्यम से वहन की जाएगी। इससे छोटे और सीमांत मत्स्य कृषकों को मत्स्य पालन को आर्थिक रूप से लाभकारी व्यवसाय के रूप में अपनाने का अवसर मिल रहा है।
इस योजना से जुड़े लाभ और प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी के लिए इच्छुक लाभार्थी https://state.bihar.gov.in/ahd/CitizenHome.html पर या अपने संबंधित जिला मत्स्य कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
“तालाब मत्स्यिकी विशेष सहायता योजना” न केवल राज्य के मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा दे रही है, बल्कि मत्स्य कृषकों की आयवृद्धि और जीवनस्तर सुधार की दिशा में भी एक प्रभावशाली पहल बनकर सामने आ रही है। सरकार की यह पहल बिहार में मत्स्य उद्योग के उज्जवल भविष्य की नींव रख रही है।