Bird Flu Alert: तेलुगु राज्यों तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में मुर्गियों की मौत बर्ड फ्लू के कारण होने की पुष्टि हुई है। इससे व्यापक स्तर पर दहशत फैल गई है। स्थिति को कम करने के लिए, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सरकारों ने चिकन एवं अंडों के लिए गाइडलाइंस जारी किए हैं। इससे चिकन की मांग में भारी कमी आई है। इसके बाद चिकन की कीमतों में भी गिरावट आई है। इससे पोल्ट्री उद्योग पर बहुत बुरा असर पड़ा है। तेलंगाना में भी कुछ मुर्गियों की मौतें हुई हैं, लेकिन अभी तक बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है।
आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी और पश्चिमी गोदावरी जिलों में हाल ही में मुर्गियों की मौत ने चिंता बढ़ा दी है। वेलपुर और कनूर में प्रभावित फार्मों से सैंपल भोपाल में राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (NIHSAD) को भेजे गए, जिसमें एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1-बर्ड फ्लू) की मौजूदगी की पुष्टि हुई। इसके बाद कलेक्टरों ने प्रभावित क्षेत्रों में चिकन खाने से मना किया है। साथ ही हेल्पलाइन स्थापित की गई हैं।
पश्चिम गोदावरी जिले के पोल्ट्री किसान वेंकट ने बीमारी के तेजी से फैलने को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हम मृत मुर्गियों को दफना रहे हैं और सावधानी बरत रहे हैं, लेकिन स्थिति और खराब हो सकती है।” हालांकि तेलंगाना में कोई मामला सामने नहीं आया है। लेकिन निजामाबाद और कामारेड्डी जिलों में हजारों मुर्गियों की मौत की सूचना मिली है। तेलंगाना सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। सरकार ने आंध्र प्रदेश की सीमा पर चेक-पोस्ट स्थापित किए हैं और पोल्ट्री वाहनों को वापस कर दिया है।
तेलंगाना के पशुपालन विभाग के प्रधान सचिव साची घोष ने लोगों से जागरूक रहने का आग्रह किया। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, “लोगों को सतर्क रहना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि केवल ठीक से पका हुआ मांस और अंडे ही खाए जाएं।”
चिकन की कीमतों में भारी गिरावट
पोल्ट्री उद्योग पर इसका असर पड़ रहा है। चिकन की कीमतें 250 रुपये से गिरकर 150 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं। आंध्र प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी जिलों में कीमतें और भी गिरकर 30-50 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं।
इंटरनेशनल एग कमीशन के चेयरमैन चित्तूरी सुरेश ने कहा, “पोल्ट्री उद्योग के लिए यह मुश्किल समय है। किसानों और व्यापारियों को धैर्य रखना चाहिए। फरवरी में कीमतें गिरती हैं और यह प्रवृत्ति जारी रहेगी। बर्ड फ्लू चिकन खाने से नहीं फैलता है, बल्कि एक पक्षी से दूसरे पक्षी में फैलता है, यही वजह है कि हम पोल्ट्री की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। जागरूकता महत्वपूर्ण है और हम सरकार से टीकाकरण प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह करते हैं। दिलचस्प बात यह है कि यहां चिकन की कीमतें गिर गई हैं, जबकि अमेरिका में एक अंडे की कीमत ₹100 है।”