Bihar News: पटना में एक बार फिर गोलियों की आवाज़ से दहशत फैल गई है। शनिवार रात भाजपा किसान मोर्चा पुनपुन के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र केवट की उनके ही खेत में सिंचाई के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात शेखपुरा गाँव में हुई, जहां चार हमलावरों ने उन पर अंधाधुंध गोलियां चला दीं। गंभीर रूप से घायल सुरेंद्र को एम्स पटना ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
खेत में सिंचाई कर रहे थे सुरेंद्र, बाइक सवार बदमाशों ने उतारा मौत के घाट
जानकारी के मुताबिक, 52 वर्षीय सुरेंद्र केवट शनिवार रात अपने खेत में सिंचाई कर रहे थे। तभी दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार हथियारबंद हमलावर वहां पहुंचे और उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। गोलियों की आवाज़ सुनकर आसपास के लोग दौड़े और सुरेंद्र को खून से लथपथ हालत में अस्पताल पहुंचाया। हालांकि डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल है और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
घटनास्थल से नहीं मिला कोई खोखा, जांच में जुटी पुलिस
पटना (पूर्वी) के एसपी परिचय कुमार ने बताया कि घटनास्थल से कोई खोखा बरामद नहीं हुआ, लेकिन पीड़ित को एक ही गोली लगी थी। उन्होंने कहा कि फिलहाल पोस्टमार्टम की प्रक्रिया जारी है और पीड़ित परिवार की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
अनुमंडल पुलिस अधिकारी कन्हैया सिंह और पिपरा थाना पुलिस की टीम ने घटनास्थल की छानबीन शुरू कर दी है।
मृतक के परिजनों से मिले विधायक, दोषियों को सज़ा का भरोसा
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय विधायक गोपाल रविदास एम्स पहुंचे और मृतक के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने परिवार को भरोसा दिलाया कि जल्द ही दोषियों की गिरफ्तारी कर उन्हें कड़ी सज़ा दिलाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि, “क्षेत्र में अपराध लगातार बढ़ रहा है और यह बेहद चिंताजनक है।”
विपक्ष का हमला: तेजस्वी ने उठाया कानून-व्यवस्था पर सवाल
राज्य में बढ़ते अपराध को लेकर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने एक्स (पूर्व Twitter) पर पोस्ट करते हुए लिखा:
“अब पटना में भाजपा नेता की हत्या! आखिर हम किससे क्या कहें? क्या एनडीए सरकार में कोई अपनी गलती मानने को तैयार है?”
तेजस्वी ने मुख्यमंत्री की अस्वस्थता की ओर इशारा करते हुए, दोनों उपमुख्यमंत्रियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए।
एक हफ्ते में दूसरी बड़ी हत्या, कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल
बता दें कि 4 जुलाई को गांधी मैदान के पास व्यवसायी गोपाल खेमका की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस घटना में भी अब तक कोई ठोस गिरफ्तारी नहीं हुई है। लगातार हो रही हत्याओं ने पटना की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पहले कि लोग इस भयावह स्थिति में जीने के आदी हो जाएं, ज़रूरत है कि प्रशासन और सरकार ठोस कार्रवाई करे।